
कानपुर। प्रदूषण विभाग द्वारा नगर में मीट सप्लाई पर लगाई गई रोक का समाधान निकल सकता है।
अगर नगर के मांस व्यापारी आगरा व दिल्ली के स्लॉटर से एम0ओ0यू (मेमोरेण्डम आफ अंडरस्टैंडिंग) साइन कर के मीट आपूर्ति करना चाहे तो,उसपर जिला प्रशासन विचार करके निर्णय ले सकता है।यह बात सहायक आयुक्त खाध्य ने पत्रकारों से वार्ता के दौरान कहा।
विदित हो कि वर्ष 2017 में प्रदेश में भाजपा सरकार बनने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में आधुनिक स्लाटर ना होने के कारण नगर निगम के स्लाटर पर रोक लगा दी थी।जिसके समाधान के लिए जिला प्रशासन ने उन्नाव स्थित आधुनिक स्लाटर हाउस से वैकल्पिक व्यवस्था के तहत नगर में माँस की आपूर्ति चालू कर दी थी।
वर्ष 2017 से आज तक कानपुर नगर को जनपद उन्नाव ही मांस की आपूर्ति कर रहा था।मांस कंपनियों ने मिले इस अप्रत्याशित लाभ का भरपूर फायदा उठाते हुए,माँस कंपनियों ने मानको की धज्जियां उड़ाते हुए स्वीकृत जानवरों से कई गुना अधिक जानवरों की स्लॉटरिंग करना शुरू कर दिया जिसको संज्ञान में लेते हुए प्रदेश प्रदूषण बोर्ड ने मंडलायुक्त व जिला अधिकारी को निर्देश देते हुए दिनांक 4/08/23 को आदेश पारित किया उन्नाव स्थित स्लॉटर स्वीकृत जानवर से अधिक स्लॉटरिंग ना कर सकें और वह केवल मांस निर्यात करें नगर में मांस की सप्लाई पर प्रदेश प्रदूषण बोर्ड ने रोक लगा दी।
सूत्रों के अनुसार वर्ष 2017 में मीट पर लगी रोक का भरपूर फायदा उठाते हुए सपा के चर्चित विधायक के गुर्गे मांस माफिया बनकर कुरैशी समाज के छोटे दुकानदारों का उत्पीड़न करने लगे,तो वहीं उन्नाव स्थित मांस कंपनियों ने भी मांस के दामों में मन माफिक वृद्धि कर आम जनता को लूटना शुरू कर दिया।जिस कारण छोटा दुकानदार कर्ज़ तले दबता चला गया तो वहीं आम जनता भी मांस की अधिक कीमत देने पर मजबूर हो गई।
वहीं वर्तमान में भी रोक के बावजूद मांस माफिया उन्नाव स्थित स्लाटर से मांस लाकर नगर में अवैध तरीके से मांस सप्लाई कर रहे हैं,साथ ही कानपुर ज़ू में जानवरो के वास्ते माँस सप्लाई के नाम पर भैंसों की अवैध कटान करा रहा है,व उन्नाव स्थित माज़ एग्रो फ़ूड से कानपुर जू में सप्लाई के नाम पर मांस लाकर नगर में अवैध तरीके से कीमत से अधिक धन वसूल कर मांस की बिक्री कर रहा है।
जबकि आगरा व दिल्ली स्थित नगर निगम द्वारा संचालित आधुनिक स्लाटर से कच्चा माँस ला कर व्यापारी नगर में माँस बिक्री कर सकते है।