
एंटीबायोटिक्स, अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड और गर्म तापमान की वजह से किशोरों, बच्चों में किडनी की पथरी की समस्या आम होती जा रही है. अमेरिका के फिलाडेल्फिया में हुए एक शोध में यह पता चला है. चिकित्सकों ने यह भी कहा कि 30 साल पहले किडनी की पथरी की समस्या को वयस्क लोगों की बीमारी माना जाता था, पर अब देखा जा रहा है कि हर उम्र के लोग इस समस्या से गंभीर रूप से पीड़ित हो रहे हैं.
किडनी में बनने वाली पथरी खनिज और लवण का जमा हुआ रूप होती है, जो कई बार हमारे शरीर के मूत्र के रास्ते को बाधित करने लगती है. आंकड़े बताते हैं कि अब यह समस्या विशेषकर किशोरियों में ज्यादा नजर आने लगी है. विशेषज्ञों का मानना है कि आजकल जंक फूड, एंटीबायोटिक का बढ़ता इस्तेमाल और तापमान में वृद्धि से शरीर में होने वाले निर्जलीकरण से यह समस्या होती है.
किडनी की पथरी की समस्या एक जमा होते हैं और फिर पीले रंग का मेटाबॉलिक डिसऑर्डर है, जिसे नेफ्रोलिथियासिस के नाम से भी जाना जाता है. इसमें कैल्शियम, ऑक्सलेट और फास्फोरस जैसे खनिज मूत्र में जमा होते हैं और फिर पीले रंग का सख्त रूप ले लेते हैं. कई बार तो ये रेत से बनी छोटी गोली या फिर गोल्फ बॉल के आकार के भी होते हैं. कुछ मामलों में तो ये सख्त संरचना मूत्र के रास्ते निकल जाती है, परंतु कई बार मूत्र मार्ग में फंस जाती है, जिससे मरीज को तीव्र पीड़ा और ब्लीडिंग की समस्या से जूझना पड़ता है.
चिप्स, एनर्जी ड्रिंक और डिब्बाबंद भोजन से शरीर में अतिरिक्त खनिज लवण जाते हैं, जिनसे पथरी बढ़ सकती है. खासकर बच्चों का कम पानी पीना और फ्रुक्टोज की अत्यधिक मात्रा वाले ड्रिंक पीना नुकसानदायक होता है.