
कट्टरवाद के खिलाफ जंग में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की कार्रवाई की मिसाल दी जाती है. लेकिन अब उन्ही की पार्टी से जुड़े दूसरे सीएम उनसे आगे निकल गए हैं. उन्होंने अपने राज्य में सख्ती बरतते हुए न केवल मदरसों का सर्वे करवाया बल्कि 2 महीने के अंदर उनमें से 100 को स्थाई रूप से बंद भी कर दिया. यही नहीं आतंकियों से संबंध मिलने पर 4 मदरसों को जेसीबी के जरिए मिट्टी में भी मिला दिया गया.
योगी से आगे निकले हिमंता बिस्वा सरमा
यह राज्य और कोई नहीं बल्कि असम है और इस साहसिक कार्रवाई को अंजाम दिया है वहां के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने. असम में पिछले दो महीने में करीब 100 मदरसा बंद हो गए हैं. असम पुलिस का कहना है कि ये मदरसे सरकारी गाइडलाइन पर खरे नहीं रहे थे. राज्य के डीजीपी भाष्कर ज्योति महंतो ने कहा कि जिन मदरसों को बंद करवाया गया है वे सब छोटे मदरसे थे, जो पास के बड़े मदरसे के साथ जुड़ गए. आतंकी इन छोटे मदरसों को टारगेट बनाकर टेरर मॉड्यूल बना रहे थे.
आदेश न मानने पर 100 मदरसे हुए बंद
‘इतने ज्यादा मदरसों की क्या जरूरत’
डीजीपी भास्कर ज्योति महंतो ने कहा कि पुलिस के तरफ से चारों मदरसा बोर्ड को को हिदायत दी गई है कि सभी मदरसों में अब जनरल एजुकेशन दी जाए. इसकी वजह ये है कि मदरसों में जितनी संख्या में इमाम या मौलवी बन रहे हैं, उतने असम में जरूरी नहीं है. सरकारी रिपोर्ट के अनुसार असम में कुल मिलाकर करीब 65 हजार छोट-बड़ी मस्जिद या मदरसे है. इस संख्या से कई गुना ज्यादा इमाम और मौलवी राज्य में मौजूद हैं. फिर बच्चों को सिर्फ मजहबी तालीम क्यों दी जाए. हम इस संख्या को और बढ़ाना नहीं चाहते हैं.
‘4 मदरसों को जमींदोज कर दिया गया’
डीजीपी ने बताया कि पिछले 1 साल में असम में आतंकियों के 9 मॉड्यूलस को पुलिस ने नष्ट किया है. इस कार्रवाई में 53 जिहादी आतंकियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया. इनमें से 4 केस में सीधे तौर पर मदरसे के साथ अल कायदा इन इंडियन सबकॉन्टिनेंट के आतंकियों के संपर्क होने के सबूत मिले हैं. ऐसे 4 मदरसों को disaster management act के तहत गिरा दिया गया है. उन्होंने कहा कि चारों मदरसा बोर्ड की ओर से प्रदेश के मदरसों की रिपोर्ट पुलिस के पास भेजी गई है, जिसकी स्टडी करवाई जा रही है. जल्द ही उस अध्ययन के बाद कार्रवाई की जाएगी.