
आजकल खराब लाइफस्टाइल और खानपान की गड़बड़ी की वजह से लोगों में पेट खराबी की समस्या बढ़ती जा रही है. इससे बचने के लिए लोग तमाम तरह के उपाय करते रहते हैं. कई लोग पेट की गड़बड़ी दूर करने के लिए तांबे के बर्तन में रखे पानी को पीना सही मानते हैं. आयुर्वेद की मानें तो तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से कफ, वात और पित्त की समस्या दूर हो जाती है. लेकिन क्या गर्मियों में भी हमें तांबे के बर्तन में रखा पानी पीना चाहिए और अगर हां तो कितनी मात्रा में. आइए आज इस बारे में आपको काम की जानकारी देते हैं.
आयुर्वेदाचार्यों के मुताबिक तांबे के बर्तन में रखा पानी चार्ज्ड वॉटर कहलाता है. करीब 7- 8 तक तांबे के बर्तन में पानी रखने से पानी में उसमें ये गुण आ जाते हैं. इसके चलते वह पानी अपने आप हल्का-हल्का गर्म होने लगता है. ऐसे में अगर आप रोजाना सुबह खाली पेट तांबे के बर्तन में रखे पानी को पीते हैं तो पेट की समस्याएं काफी हद तक दूर हो जाती हैं.
हेल्थ एक्सपर्टों के मुताबिक सुबह के वक्त तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से पेट की आंतों में जमा गंदगी साफ हो जाती है. इसके साथ ही गैस-एसिडिटी समेत पेट से जुड़ी दूसरी दिक्कतों से भी निजात मिलती है. हालांकि यह बात ध्यान रखने वाली है कि अगर किसी को पेट से एसिडिटी या अल्सर की समस्या हो तो उसे गर्मियों में इस पानी को पीने से परहेज करना चाहिए.
तांबे के बर्तन में रखा पानी खून की शुद्धि का काम करता है. इस पानी को पीने से पेट की समस्याएं दूर हो जाती हैं. इसके पानी में एंटी इंफ्लेमेट्री गुण होते हैं, जो आर्थराइटिस की समस्या से बचाते हैं. इस पानी को पीने से त्वचा से जुड़ी परेशानियों में राहत मिल जाती है. यही नहीं, तांबे के बर्तन में रखे पानी में कैंसर रोधी तत्व मौजूद होते हैं, जिससे इस घातक रोग से बचाव में मदद मिलती है.
गर्मियों में पूरे दिन तांबे के बर्तन में रखे पानी को न पिएं. जो लोग पेट में अल्सर की समस्या से जूझ रहे हैं, उन्हें यह पानी नहीं पीना चाहिए. अगर आप किडनी या हार्ट की समस्या से जूझ रहे हैं तो इस पानी को पीने से पहले अपने डॉक्टर की राय जरूर ले लें. एसिडिटी से पीड़ित मरीज भूलकर भी तांबे के बर्तन में रखे पानी को न पिएं. ऐसा करने से उनकी समस्या बढ़ सकती है.
यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. BPS NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.