
बदलते कल्चर के साथ हमारी लाइफस्टाइल भी तेजी से बदलती जा रही है. इसे एक छोटे से उदाहरण के साथ समझा सकता है, जैसे पहले लोग हाथों से खाना खाते थे लेकिन अब उसकी जगह चम्मच ने ले ली है. इस बात को लेकर अक्सर विवाद होता रहता है कि चम्मच से खाना खाना और हाथ से खाना खाने में कौन सा तरीका ज्यादा फायदेमंद है. चम्मच से खाना खाते हुए कई लोगों की हैबिट्स में ऐसा बदलाव देखा जाता है कि वो हाथ से खाना नहीं खा पाते हैं.
आयुर्वेद और पुराने भारतीय परंपराओं में हाथ से खाना खाने का जिक्र मिलता है. आयुर्वेद के जानकारों का कहना है कि 5 उंगुलियां पांच तत्वों का प्रतिनिधित्व करती हैं जिनमें आग के लिए अंगूठा, हवा के लिए तर्जनी उंगली, आसमान के लिए मध्यमा, पृथ्वी के लिए अनामिका और पानी के लिए छोटी उंगली है. कहा जाता है कि जब हम हाथ से खाना खाते हैं, तब हम नियंत्रित अनुपात में खाते हैं जिससे हम ज्यादा भोजन नहीं खाते हैं. ऐसा करने से हम ओवर ईटिंग से बच जाते हैं.
हाथ से खाना खाने की भी अपनी एक कला है. जब हम हाथ से खाना खाते हैं तब हमें अपनी उंगलियां मुंह में नहीं डालनी होती हैं, बल्कि खाने को मुंह में धकेलना होता है. खाना खाने से पहले अच्छी तरह हाथ को साफ किया जाता है. जानकारों का कहना है कि हाथों से जब हम खाना खाते हैं तो हम अपनी संस्कृति और विरासत से जुड़ते हैं. इसके अलावा हाथ से खाना खाने के दौरान मांसपेशियों की एक्सरसाइज होती है. कहा जाता है कि हाथ से खाना खाने से ब्लड सरकुलेशन ठीक रहता है.