
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री लोगों के बीच इन दिनों चर्चा का विषय बने हुए हैं. इस बीच उनका एक बयान सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है, जिसमें वह यह बताते हुए नजर आ रहे हैं कि कुछ काम तो वह मजबूरी में करते हैं. लेकिन समाज का भला होता है तो वह कर लेते हैं. धीरेंद्र शास्त्री ने ये बयान मंच से लाखों लोगों के सामने दिया और कबूल किया कि मजबूरी में उनको बड़े-बड़े लोगों और मशहूर हस्तियों से संपर्क रखना पड़ता है. उनको मंच पर बुलाना पड़ता है. इस दौरान धीरेंद्र शास्त्री ने यह भी बताया कि गरीब इंसान को मंच पर क्यों नहीं बुलाया जाता है. उसका इस्तेमाल सिर्फ ताली बजवाने के लिए क्यों किया जाता है?
ताली बजाने के काम आता है गरीब!
वायरल वीडियो में धीरेंद्र शास्त्री यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि क्षमा करिएगा, हम बहुत उलटे आदमी हैं. मंच पर वही आते हैं जो सम्माननीय होते हैं, नेता होते हैं या अभिनेता होते हैं या फिर रुपये वाले. गरीब हमेशा बस ताली बजाने के काम आता है. बहुत कड़वी बात है. लेकिन क्या बताएं हमारी भी मजबूरी है.
धीरेंद्र शास्त्री मजबूरी में करते हैं ये काम
धीरेंद्र शास्त्री ने आगे कहा कि उनकी मजबूरी यह है कि अगर उनको नहीं बुलाएंगे और माला नहीं चढ़ाएंगे, नहीं उनको पट्टिका डालेंगे, जय सीता राम नहीं करेंगे तो ये पंडाल कौन लगवाएगा. हमारे श्रीमान् कहने से पंडाल लगकर 4-5 लाख लोगों को कथा का बालाजी की कृपा से लाभ मिल रहा है तो 10 मिनट देने में क्या घाटा है?
आरोपों पर धीरेंद्र शास्त्री ने क्या कहा?
गौरतलब है कि महाराष्ट्र की अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति ने धीरेंद्र शास्त्री पर चमत्कार के नाम पर लोगों को धोखा देने का आरोप लगाया था. हालांकि, पुलिस की तरफ से धीरेंद्र शास्त्री को क्लीन चिट मिल चुकी है. धीरेंद्र शास्त्री ने उनके ऊपर लगे सभी आरोपों को नकार दिया है. धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि वह कोई चमत्कार या जादूगरी नहीं करते हैं.