
तेलंगाना के गृह मंत्री महमूद अली का एक बयान इन दिनों विवाद का विषय बना गया है. उन्होंने महिलाओं के लिए कहा कि अगर वे कम कपड़ों में हैं तो यह दिक्कत हो सकती है लेकिन वे अधिक कपड़ों में हैं तो इससे लोगों को शांति मिलेगी. गृह मंत्री महमूद अली का यह बयान एक कॉलेज में बुर्का पहनी लड़कियों की परीक्षा में एंट्री पर रोक के बाद आया है. महमूद अली ने इस घटना की बहुत निंदा की है. इसके बाद उन्होंने आश्वासन दिया कि अपराधियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी. हालांकि, उन्होंने लड़कियों के छोटे कपड़ों पर टिप्पणी की जिसकी वजह से विवाद बढ़ गया.
केवी रंगा रेड्डी कॉलेज में परीक्षा देने कुछ छात्राओं पहुंची थीं और उन्होंने आरोप लगाया कि कॉलेज ने उन्हें बुर्का पहनकर आने से रोका. उन्होंने दावा किया कि परीक्षा केंद्र पर कॉलेज के कर्मचारियों ने उनसे बुर्का हटाने को कहा. एक छात्रा ने कहा कि कॉलेज के अधिकारियों ने परीक्षा केंद्र में एंट्री से बुर्का उतारने के लिए मजबूर किया और बाहर बुर्का पहनने के लिए कहा. छात्राओं ने आगे कहा कि इसी असमंजस की वजह से करीब आधे घंटे तक परीक्षा में बैठने से रोका गया. इसी मामले में तेलंगाना के गृह मंत्री महमूद अली अपनी नाराजागी जाहिर कर रहे थे.
गृह मंत्री महमूद अली ने कहा कि हो सकता है कि हमारी नीति पूरी तरह से धर्मनिरपेक्ष है. लोग जो चाहें पहन सकते हैं. कोई हेडमास्टर या प्रधानाध्यापक ऐसा कर रहे हों. उन्होंने आगे कहा कि कहीं पर भी ऐसा नहीं लिखा है कि बुर्का नहीं पहना जा सकता. हम इस मामले में कार्रवाई करेंगे. महमूद अली ने कहा कि अगर आप यूरोपीय पोशाक पहनते हैं तो यह सही नहीं होगा. हमें अच्छे कपड़े पहनने चाहिए, खासकर महिलाओं को. इसके बाद उन्होंने लड़कियों के छोटे कपड़ों पर नाराजगी जताई.