
महाशिवरात्रि आने वाली है और इस दिन सभी श्रद्धालु भगवान शिव के मंदिर में जाकर जल चढ़ाते हैं. साथ में धतूरा, दूध, फूल, मिठाई आदि चढ़ाकर भगवान शिव का आशीर्वाद लेते हैं. हालांकि, भारत में कुछ ऐसे भी मंदिर हैं जिनके बारे में जानकर आपको हैरानी होगी. गुजरात में एक ऐसा शिव मंदिर है, जहां पर दर्शन करने आने वाले श्रद्धालु जिंदा केकड़ा भी चढ़ाते हैं. क्यों यह सुनकर आप हैरान रह गए ना? चलिए हम आपको इसके बारे में बतलाते हैं कि आखिर भगवान शिव के मंदिर में जिंदा केकड़ा चढ़ाने की क्या वजह है.
मंदिर में क्यों चढ़ाया जाता है जिंदा केकड़ा
गुजरात के सूरत जिले में भक्तों ने भगवान शिव की पूजा करने का एक अनोखा तरीका खोजा है. भगवान शिव को समर्पित एक मंदिर में पूजा करने वाले श्रद्धालुओं का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. गुरुवार को न्यूज एजेंसी एएनआई ने एक वीडियो ट्वीट किया और साथ में कैप्शन लिखा, “गुजरात के सूरत में रामनाथ शिव घेला मंदिर में भक्त भगवान शिव को केकड़े चढ़ाते हैं.” वीडियो में मंदिर में शिवलिंग पर जीवित केकड़ों को रखने वाले श्रद्धालुओं की झलक मिलती है. क्लिप में एक महिला अपने बैग से एक केकड़ा निकालकर भगवान को चढ़ाते हुए भी दिखाई दे रही है.
जिंदा केकड़ों को चढ़ाने की प्रथा साल में सिर्फ एक ही बार
वीडियो के आखिर में, आप देख सकते हैं कि कुछ लोग हाथ में जिंदा केकड़े को लेकर कैमरे की तरफ दिखा रहे हैं. मंदिर में काफी भीड़ है और लोग श्रद्धामन से दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं. बाद के ट्वीट से खुलासा हुआ कि सूरत के रामनाथ शिव घेला मंदिर में भक्तों द्वारा भगवान शिव को चढ़ाए जाने वाले केकड़ों को बाद में अनुष्ठान के बाद तापी नदी में छोड़ दिया जाता है.
श्रद्धालुओं ने यहां की मान्यताओं के बारे में बताया
यहां एक श्रद्धालु फाल्गुनी ने जिंदा केकड़ों को रखने की परंपरा के बारे में बताया कि लोगों में मान्यता है कि यदि आप जिंदा केकड़े को चढ़ाते हैं तो कान से जुड़ी समस्याओं से निदान मिल सकती है. एक अन्य श्रद्धालु ने कहा, “जिंदा केकड़ों को चढ़ाने की प्रथा साल में सिर्फ एक ही बार होती है. मान्यता है कि भगवान शिव को केकड़ा चढ़ाने से बच्चों के कानों में दर्द या फिर कान से जुड़ी कोई समस्या नहीं होती.”