
चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने एक आर्टिकल के जरिए भारत-अमेरिका 2+2 डायलॉग पर रिएक्शन दिया है. भारत-अमेरिका की मीटिंग के बाद ग्लोबल टाइम्स के सुर बदल गए और वो चीन-भारत के रिश्तों की दुहाई देने लगा. मगर इस आर्टिकल में भी उसने भारत के खिलाफ जहर उगला. चीन के ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि चीन भारत को दुश्मन के तौर पर नहीं देखता है. चीन, भारत को समान शर्तों पर निपटने के लिए एक अहम पड़ोसी देश के रूप में देखता है.
ड्रैगन की अकड़ पड़ी ढीली!
चीन और भारत के बीच मतभेदों को संभालने का यही सही तरीका है. इसके साथ ही ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि अगर भारत-अमेरिका सहयोग से किसी तीसरे देश के वैध अधिकारों को खतरा नहीं है, तो कोई समस्या नहीं होनी चाहिए. हालांकि, अगर भारत-अमेरिका सहयोग, विशेष रूप से सैन्य और सुरक्षा पक्षों पर, चीन जैसे तीसरे देश के वैध हितों के लिए खतरा पैदा करेगा, तो ये एक गंभीर चिंता की बात होगी. अगर वाशिंगटन में कोई वास्तव में विश्वास करता है कि वो भारत को मना सकते हैं और भारत को अमेरिका के बंधन में बांध सकते हैं, तो उनका ये विश्वास झटके में टूट सकता है और इसका परिणाम सिर्फ विनाश ही होगा.
भारत-अमेरिका की दोस्ती से चीन को जलन!
दोस्ती की दुहाई देने लगा चीन
जान लें कि 5वीं भारत-अमेरिका 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता में अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन और भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉपरेशन की डील की. इस समझौते के मुताबिक, लड़ाकू वाहनों को भारत अमेरिकी मिलकर भारत में ही बनाएंगे. भारत-अमेरिका द्विपक्षीय संबंधों में रणनीतिक साझेदारी और रक्षा, सुरक्षा और खुफिया सहयोग में मजबूती देखी गई है, रक्षा क्षेत्र हमारे द्विपक्षीय संबंधों का सबसे जरूरी स्तंभ है. आपकी भारत यात्रा ऐसे वक्त में हो रही है जब भारत और अमेरिका पहले से कहीं अधिक करीब हैं. तो वहीं अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने कहा कि पिछले कुछ साल में दोनों देशों के बीच आर्थिक भागीदारी के साथ ही रणनीतिक साझेदारी बढ़ी है.