
निकट है. होली का त्यौहार उसी दिन मुसलमानों का शब-ए-बारात भी है, लिहाजा पुलिस प्रशासन की ओर से सभी जगहों पर थाना स्तर पर शांति समितियों की बैठकें आयोजित की जा रही हैं. इसी कड़ी में मुरादाबाद के बिलारी थाने में भी शांति समिति की बैठक चल रही थी जिसमें पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों के साथ शहर के गणमान्य लोगों ने शिरकत की. आने वाले त्यौहार भाईचारे और शांति के साथ सम्पन्न हों, इस विषय पर सभी ने अपने अपने विचार रखे. लेकिन जैसे ही बिलारी के शहर इमाम सदाकत हुसैन ने माइक संभाला तो उनके कड़वे वचन सुनकर सब हक्के बक्के रह गए.
बैठक में इमाम ने मौजूद पुलिस- प्रशासन के अधिकारियों के सामने ही माईक से ऊंची आवाज में चेतावनी दे डाली. इमाम ने कहा, होली के मौके पर वे उन्हें होली खेलने को मजबूर ना करें और ना की किसी भी तरह की कोई शरारत करें. ऐसा ना हो कि बिलारी में फिर हंगामा हो जाए. पहले भी 2 बार ये बात हो चुकी है. बाकी त्योहारों में भी होती है लेकिन अब अगर हुआ तो फसाद और झगड़ा होगा.
धमकी देते हुए इमाम ने कहा, पहले से चेतावनी दे रहा हूं. प्रशासन होली को लेकर सतर्क हो जाए. निगरानी रखने के लिए जो भी पुलिस टीमें बनाई जा रही हैं, उन्हें हिदायत दी जा रही है कि जो भी मस्जिद के पास से गुजरे उसकी वीडियो बनाई जा जाए. चाहे उस दिन कोई शराब पिए हो या कुछ और हो, उसका चालान होना चाहिए, नहीं तो मैं उसे बख्शूंगा नहीं.
इमाम सदाकत हुसैन यहीं पर नहीं रुका. उसने कहा, अगर शराब पी रखी है तो घर में रहो या मस्जिद के सामने से सीधे निकलो. अगर मस्जिद या मुसलमानों की किसी दुकान पर रंग डाला गया तो उसकी जवाबदेही पुलिस टीमों की होगी. ऐसे लोगों की वीडियोग्राफी करके उन्हें जेल भेजा जाना चाहिए. बिलारी शहर के इमाम का ये भड़काऊ भाषण कुछ ही घंटों में वायरल हो गया.
कार्रवाई की मांग जब इमाम पर उठने लगी तो उसके सुर बदल गए. रात में इमाम सदाकत हुसैन ने एक वीडियो संदेश जारी करके कहा कि किसी भी धर्म या आस्था के खिलाफ बोलने का उनका कोई मकसद नहीं था. वह किसी को आहत नहीं करना चाहता था. हालांकि इमाम की मुसीबत इससे खत्म नहीं हुई है. पुलिस ने इमाम के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है.