
रामचरितमानस विवाद बढ़ता जा रहा है. अब हिंदुओं की पवित्र पुस्तक रामचरितमानस के पन्ने की फोटोकॉपी जलाने के आरोप में समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य समेत अन्य 10 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है. एफआईआर लखनऊ के पीजीआई थाने में दर्ज करवाई गई है. लखनऊ पुलिस के मुताबिक, सतनाम सिंह लवी नामक सख्स ने इस संबंध में शिकायत की है. पीजीआई पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई है. आरोप है कि रामचरितमानस के पन्नों की प्रतियों के जलाए जाने से शांति भंग हो सकती है. इसके बाद पुलिस एक्शन में आ गई है.
स्वामी समेत 10 लोगों पर केस दर्ज
पुलिस अधिकारी ने बताया है कि भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 142, 143, 153 ए, 295, 295 ए, 298, 504, 505, 506 और 120 बी के अंतर्गत एफआईआर दर्ज की गई है. एफआईआर में स्वामी प्रसाद मौर्य के अलावा यशपाल सिंह लोधी, देवेंद्र प्रताप यादव, महेंद्र प्रताप यादव, सत्येंद्र कुशवाहा, नरेश सिंह, सुजीत यादव, संतोष वर्मा, एसएस यादव, सलीम और अन्य अज्ञात का नाम शामिल है.
रामचरितमानस की ‘फोटोकॉपी’ जलाने का आरोप
अखिल भारतीय ओबीसी महासभा का जवाब
अखिल भारतीय ओबीसी महासभा के पदाधिकारी देवेंद्र प्रताप यादव ने कहा था कि बताया गया था कि रामचरितमानस की हमने प्रतियां जलाई थीं. यह कहना गलत है. रामचरितमानस की आपत्तिजनक टिप्पणियों की फोटोकॉपी, जो महिलाओं और ‘शूद्रों’ के खिलाफ थीं, उसके फोटोकॉपी पेज को सांकेतिक विरोध में जला दिया.
उन्होंने आगे कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने मांग की थी कि रामचरितमानस में आपत्तिजनक टिप्पणियों को हटाना चाहिए या उनके ऊपर बैन लगाना चाहिए. सरकार ने इसको लेकर कोई कदम नहीं उठाया. स्वामी प्रसाद मौर्य का हमने इस पर समर्थन किया है. उनके साथ अखिल भारतीय ओबीसी महासभा खड़ी है.