250 से ज्यादा सबूत फिर भी ज्ञानवापी सर्वे की रिपोर्ट में देरी क्यों? सामने आई बड़ी वजह

वाराणसी की ज्ञानवापी केस में आज का दिन बेहद अहम रहा. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) आज वाराणसी कोर्ट में अपनी सर्वे रिपोर्ट पेश करने वाली थी. इस रिपोर्ट को सील बंद लिफाफे में जिला जज के सामने पेश किया जाना था. लेकिन एएसआई ने ज्ञानवापी परिसर के वैज्ञानिक सर्वे की रिपोर्ट सौंपने के लिए कोर्ट से 15 दिन का और वक्त मांगा है. इससे पहले 2 नवंबर को भी कोर्ट ने एएसआई को रिपोर्ट के लिए 17 नवंबर तक का वक्त दिया था. तकनीकी रिपोर्ट अभी नहीं आ पाने की वजह से ये देरी हुई है. अब एएसआई ने और वक्त मांगा है. आइए जानते हैं कि ASI की रिपोर्ट में क्या-क्या हो सकता है?

ASI ने जुटाए 250 से ज्यादा सबूत

बता दें कि ASI की टीम ने ज्ञानवापी परिसर के सर्वे पर एक स्टडी रिपोर्ट तैयार की है, जिसे आज सीलबंद लिफाफे में वाराणसी जिला जज के सामने पेश किया जाना है. ASI की टीम ने सर्वे के दौरान जुटाए 250 से ज्यादा सबूतों को डीएम की निगरानी में लॉकर में जमा करा दिया है.

मुस्लिम पक्ष ने क्यों किया सर्वे का विरोध?

बता दें कि मुस्लिम पक्ष ने ज्ञानवापी परिसर में ASI सर्वे का विरोध किया था और सर्वे को अतीत के जख्म कुरेदने जैसा बताया था. वहीं, हिंदू पक्ष ने पूरे मामले में सर्वे से ही तार्किक निर्णय लेने को संभव बताया था. हिंदू पक्ष को भरोसा है कि आज कोर्ट में पेश होने वाली सर्वे रिपोर्ट उनके हक में जाएगी.

100 से ज्यादा दिन तक हुआ सर्वे

100 दिन से ज्यादा वक्त तक चले ASI के साइंटिफिक सर्वे के दौरान करीब 40 लोगों की टीम ने सर्वे के लिए कई अत्याधुनिक उपकरणों की मदद ली. सर्वे में थ्री डी फोटोग्राफी और स्कैनिंग के साथ डिजिटल मैपिंग भी करवाई गई है.

ज्ञानवापी मंदिर या मस्जिद?

वाराणसी जिला कोर्ट ने 21 जुलाई को ज्ञानवापी मस्जिद के सील वजूखाने को छोड़कर बाकी सभी हिस्से और तहखानों के सर्वे का आदेश दिया था. जिसके विरोध में अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे पर रोक लगाते हुए मुस्लिम पक्ष को हाईकोर्ट जाने को कहा था. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज करते हुए सर्वे जारी रखने के आदेश दिए थे. इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ मुस्लिम पक्ष फिर से सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. लेकिन इस बार सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को राहत देने से इनकार कर दिया.

ज्ञानवापी परिसर के सर्वे से सच को सामने लाने की कोशिश है. देखना होगा कि ASI की रिपोर्ट मिलने के बाद कोर्ट का फैसला हिंदू और मुस्लिम में से किसके पक्ष में जाता है.

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