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माफिया अतीक अहमद की सिट्टी-पिट्टी गुम है. उसे हर पल अब अपनी जान का खतरा सताने लगा है. साबरमती से प्रयागराज के रास्ते पर उसे यही डर खाए जा रहा है कि उसे मार दिया जाएगा. गैंगस्टर से राजनेता बने अतीक अहमद ने एक बार फिर अपनी जान के लिए खतरा होने का दावा किया है. उसे उत्तर प्रदेश पुलिसकर्मियों की एक टीम अहमदाबाद की साबरमती जेल से प्रयागराज लेकर आ रही है.
इससे पहले अतीक अहमद को कड़ी सुरक्षा के बीच 28 मार्च को साबरमती जेल से प्रयागराज लाया गया था. उसे एक सांसद/विधायक अदालत के समक्ष पेश किया गया. कोर्ट ने अतीक अहमद और दो अन्य को वकील उमेश पाल के अपहरण के मामले में कठोर आजीवन कारावास की सजा सुनाई. अतीक और अन्य दोषियों को पाल के परिवार को ₹1 लाख का मुआवजा देने के लिए भी कहा गया था.
2005 में बहुजन समाज पार्टी के विधायक राजू पाल की हत्या के गवाह उमेश पाल की 24 फरवरी को प्रयागराज में उनके दो सुरक्षा गार्डों के साथ गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. 2006 में, अहमद और उसके सहयोगियों ने कथित तौर पर उमेश पाल का अपहरण कर लिया और उन्हें अपने पक्ष में अदालत में बयान देने के लिए मजबूर किया. इस संबंध में वकील ने शिकायत दर्ज कराई थी.
पुलिस ने कहा कि अहमद पर हाल ही में उमेश पाल हत्याकांड सहित 100 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं. पिछले महीने, उसने सुरक्षा के लिए शीर्ष अदालत का रुख किया था, जिसमें दावा किया गया था कि उसे और उसके परिवार के सदस्यों को हत्या के मामले में झूठा फंसाया गया है और उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा उसे फर्जी मुठभेड़ में मार दिया जा सकता है.