मुट्ठी में चांद, सूर्य अगला प्लान, जानिए क्या है ISRO का मिशन आदित्य एल-1

60 साल के लंबे इंतजार के बाद आखिर वो वक़्त आ ही गया जब भारत ने चांद पर कदम रख दिया। वो भी उस जगह जहां कोई सुपर पावर देश आज तक नहीं पहुंच पाया। क्या आम क्या खास हर इंसान के लिए गर्व का पल है। तालियों से शुरू हुआ जश्न ढोल नगाड़ों में तब्दील हुआ तो नजारा देखने वाला था। कश्मीर से कन्याकुमारी और दक्षिण अफ्रीका से आयरलैंड तक भारत के मून मिशन की कामयाबी का जश्न मनाया गया। 40 दिन का सफर पूरा करने के बाद चंद्रयान अपनी मंजिल पर पहुंचा तो पूरा देश खुशी से झूम उठा। लेकिन अब इसरो चांद पर रुकने वाला नहीं है बल्कि अब बारी सूरज की है। चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग के बाद अब चर्चा इसरो की भविष्य की परियोजनाओं पर है। कुछ अहम परियोजनाएं, जिन पर दुनिया भर की निगाहें भी रहने वाली हैं इनमें से ही एक है सूर्य का अध्ययन करने वाला भारत का पहला अंतरिक्ष मिशन।

क्या है इसरो का सूर्य मिशन

यह सूर्य का अध्ययन करने वाला भारत का पहला अंतरिक्ष मिशन होगा। इस सोलर मिशन का नाम आदित्य एल 1 है। इसका मकसद करीब से सूर्य का निरीक्षण, इसके वातावरण और चुंबकीय क्षेत्र के बारे में स्टडी करना है। इसका ऐलान खुद पीएम मोदी ने किया था। इसकी अहमियत इस बात से भी लगाया जा सकता है कि सोलर सिस्टम पर पड़ने वाले प्रभाव उपग्रह की कक्षा और उसके जीवन को बाधित कर सकते हैं। अंतरिक्ष के वातावरण को समझने के लिए यह मिशन खास है। भारत पहली बार सूरज पर रिसर्च करने जा रहा है। लेकिन अब तक सूर्य पर कुल 22 मिशन भेजे जा चुके हैं। इन मिशन को पूरा करने वाले देशों में अमेरिका, जर्मनी, यूरोपीयन स्पेस एजेंसी शामिल हैं। सबसे ज्यादा मिशन नासा ने भेजे हैं।

आदित्य-एल1: पेलोड

आदित्य-एल1 सात पेलोड से सुसज्जित है। ये दो प्रकार के होते हैं: रिमोट सेंसिंग पेलोड और इन-सीटू पेलोड।

इसरो के अनुसार विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ (VELC), सोलर अल्ट्रावॉयलेट इमेजिंग टेलीस्कोप (SUIT), सोलर लो-एनर्जी एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (SoLEXS), और हाई एनर्जी L1 ऑर्बिटिंग एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (HEL1OS) चार रिमोट सेंसिंग पेलोड हैं। जबकि आदित्य सोलर विंड पार्टिकल एक्सपेरिमेंट (एएसपीईएक्स), प्लाज़्मा एनालाइज़र पैकेज फॉर आदित्य (पीएपीए), और उन्नत त्रि-अक्षीय उच्च रिज़ॉल्यूशन डिजिटल मैग्नेटोमीटर तीन इन-सीटू पेलोड हैं। VELC का कार्य सौर कोरोना (बाहरी वायुमंडल) की इमेजिंग करना है, SUIT का कार्य फोटोस्फीयर (सौर सतह) और क्रोमोस्फीयर (फोटोस्फीयर के ऊपर लाल, चमकती परत) की छवियों को कैप्चर करना है, SoLEXS और HEL1OS का सूर्य का निरीक्षण करना है।

क्या है आदित्य-एल1 का उद्देश्य

आदित्य-एल1 का उद्देश्य ऊपरी सौर वायुमंडल की गतिशीलता का अध्ययन करना, सूर्य के चारों ओर प्लाज्मा वातावरण का निरीक्षण करना, कोरोना पर विभिन्न क्षेत्रों के तापमान, वेग और घनत्व को मापना, सौर गतिविधियों के अनुक्रम की पहचान करना, अंतरिक्ष मौसम के लिए चालकों का अध्ययन करना है।

आदित्य-एल1: लॉन्च की तारीख

आदित्य-एल1 की योजनाबद्ध मिशन अवधि पांच वर्ष है। सौर मिशन सितंबर की शुरुआत में लॉन्च होने की उम्मीद है।

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