
संसद में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने महिला आरक्षण बिल का समर्थन किया है लेकिन इसके साथ ही उन्होंने कुछ सवाल भी उठाए हैं. उन्होंने कहा कि मैं बिल का समर्थन करता हूं, लेकिन ये बिल पूरा नहीं, अधूरा है. इसमें ओबीसी आरक्षण होना चाहिए था. राहुल गांधी ने कहा कि मैंने सवाल पूछा कि जो 90 सचिव हैं, जो कि हिंदुस्तान की सरकार चलाते हैं, इनमें से OBC कितने हैं, लेकिन मैं जवाब से हैरान रह गया. क्योंकि 90 में सिर्फ 3 ओबीसी सचिव हैं. राहुल ने कहा कि इस बिल में ओबीसी के आरक्षण का प्रावधान होना चाहिए.
‘नई बिल्डिंग अच्छी है, लेकिन…’
दरअसल, संसद के विशेष सत्र के तीसरे दिन महिला आरक्षण बिल पर बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा कि नई बिल्डिंग अच्छी है, लेकिन इसके कार्यक्रम में देश की महिला राष्ट्रपति को भी होना चाहिए था. इसके साथ ही उन्होंने सेंगोल को लेकर भी सवाल उठाए. राहुल गांधी ने कहा कि कल में चर्चा सुन रहा था. सेंगोल की चर्चा ही रही थी. उन्होंने कहा कि जब अंग्रेजों ने उनसे पूछा तो हमारे क्रांतिकारी नेताओं ने कहा कि हम जनता को सत्ता देंगे. वोट सत्ता ट्रांसफर का प्रतीक बन गया. पंचायती राज उस ओर एक कदम था.
‘ओबीसी के आरक्षण का प्रावधान’
महिला आरक्षण बिल पर राहुल ने कहा कि इस बिल में ओबीसी के आरक्षण का प्रावधान होना चाहिए, वो मिसिंग है. वहीं इससे पहले बिल पर बोलते हुए लोक सभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है और कहा है कि संविधान से सोशलिस्ट, सेक्युलर शब्द नहीं हैं. दोनों शब्द साल 1976 में इंदिरा सरकार में शामिल किए गए थे. अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि इन दोनों शब्दों का ना होना चिंता की बात है.
अधीर रंजन ने लगाए आरोप
अधीर रंजन चौधरी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि अगर कुछ कहने की कोशिश करेंगे तो सरकार कहेगी कि जो शुरू में था वही दे रहे हैं. कांग्रेस नेता ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा है कि सरकार के इरादों में खोट है, बड़ी चालाकी से ये दोनों शब्द हटाए गए हैं. इसक अलावा लोकसभा में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने कहा कि इस बिल की बात कभी इंदिरा जी ने की थी. मेरे पति राजीव गांधी इस बिल को लाए, हम इस बिल के साथ हैं, पर सरकार ये बताए कि इसे कबतक लागू करेगी?