
आजादी के 75 साल बाद भी करोड़ों लोग गरीबी रेखा के नीचे हैं. जो इस लेवल से ऊपर हैं, उनकी अलग समस्या है. किसी के पास रोटी नहीं है तो किसी के पास सर ढकने के लिए छत नहीं है. कहीं इलाज के लिए पैसा नहीं है तो कहीं डॉक्टरों का टोटा है. इन्हीं वजहों से समाज में राम राज्य की परिकल्पना की गई होगी. श्रीराममचरित मानस की एक चौपाई है “जासु राज प्रिय प्रजा दुखारी, सो नृप अवसि नरक अधिकारी”. ऐसी मिसालों के बीच सरकारें जनता के लिए नई-नई योजनाएं ला रही हैं, लेकिन हालात जस के तस बने हुए हैं. इस बीच यूपी के लाखों लोगों के लिए राहत भरी खबर आई है.
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क्या है पीएम स्वामित्व योजना?
केंद्र सरकार ग्रामीण विकास पर लगातार ध्यान दे रही है और इसके लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. इन योजनाओं में सबसे खास स्कीम है, पीएम स्वामित्व योजना. 24 अप्रैल 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम स्वामित्व योजना की शुरुआत की थी. इस योजना के तहत ग्रामीणों को उनकी सपंत्ति का मालिकाना हक दिलाया जाता है. इस खास योजना के तहत ग्रामीण लोगों को उनकी जमीन और मकानों का मालिकाना हक मिलता है. जिनका कोई सरकारी रिकॉर्ड नहीं होता है. इस योजना के तहत सरकार लोगों को संपत्ति कार्ड प्रदान करती है.
लोगों को होता है ये फायदा
आपको बताते चलें कि गांवों में कई ऐसे लोग होते हैं, जिनके पास उनकी जमीन व मकान का मालिकाना हक और सरकारी कागज नहीं होते हैं. इसलिए पीएम स्वामित्व योजना उन लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है. इस योजना के पायलट चरण को महाराष्ट्र, कर्नाटक, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, पंजाब और राजस्थान के चुनिंदा गांवों में 2020-21 के दौरान लागू किया गया था.
इस योजना के तहत मालिकाना हक मिलने पर लोगों को बैंक से लोन मिलने में आसानी होगी, संपत्तियों से जुड़े विवादों का हल आसानी से होगा, किसान या ग्रामीण अपनी संपत्ति बेच सकता है. इस योजना के अंतर्गत ड्रोन के द्वारा गांव, खेत भूमि का मैपिंग किया जाएगा. आपको बताते चलें कि इस योजना को शुरू करने के पीछे सरकार का लक्ष्य है कि वह भारत के ग्रामीण हिस्से को भी आर्थिक रूप से मजबूत कर सके.