
कानपुर नगर, अधिवक्ताओ की सुरक्षा और जीवन रक्षा के लिए प्रदेश सरकार द्वारा अधिवक्ता संरक्षण अधिनियम के लिए बनाई गई प्रारूप ( ड्राफ्ट ) कमेटी के संयोजक अमरेंद्र नाथ सिंह द्वारा प्रदेश के अधिवक्ता संघों से सुझाव / प्रस्ताव मांगे गए। जिससे शीघ्र अधिवक्ता संरक्षण अधिनियम का प्रस्तावित ड्राफ्ट सरकार को पेश किया जा सके।
पंडित रवीन्द्र शर्मा अध्यक्ष लायर्स एसोसिएशन ने अधिवक्ता सुरक्षा अधिनियम के प्रस्तावित प्रारूप में अधिवक्ता हितार्थ निम्न प्रस्ताव जरिए ई मेल ड्राफ्टिंग कमेटी को प्रेषित किया ।
प्रस्तावित अधिवक्ता संरक्षण अधिनियम के प्रारूप में प्रमुख रूप से
अधिवक्ता पर हमला किए जाने पर 3 साल सजा और ₹50000 जुर्माना हो
घातक चोट पहुंचाने पर 10 साल की सजा और ₹100000 जुर्माना
अपराधिक बल प्रयोग या धमकी पर भी 3 साल की सजा का प्रावधान किया जाए।
उपरोक्त सभी अपराध संज्ञेय अपराध की श्रेणी में रखे जाएं।
अधिवक्ता पर हमले की जांच एस पी रैंक के अधिकारी करें और एक सप्ताह में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
यदि अधिवक्ता की संपत्ति को क्षतिग्रस्त किया जाता है या नुकसान पहुंचाया जाता है तो क्षति की राशि का निर्धारण न्यायालय द्वारा किया जाए और निर्धारित क्षति की राशि संबंधित अपराधी से भू राजस्व की भांति वसूल कर पीड़ित अधिवक्ता को दी जाए।
ये विशेष रूप से हो कि यदि किसी अधिवक्ता के विरुद्ध कोई शिकायत होती है तो सर्वप्रथम संबंधित अधिवक्ता संघों से सूचित कर संघ की सहमति के उपरांत ही करवाही हो ।
अधिनियम का दुरुपयोग रोकने के लिए प्रावधानित किया जाए कि यदि कोईअधिवक्ता अधिनियम का दुरुपयोग करता है तो उस अधिवक्ता के विरुद्ध भी 2 साल के दंड का प्रावधान है।
हमारी उपरोक्त सुझावों / विचारों को प्रस्तावित अधिवक्ता संरक्षण अधिनियम में शामिल कर अधिनियमित कराने से अधिवक्ताओं की सुरक्षा सहित जीवन रक्षा और संपत्ति की रक्षा होगी।और यह अधिनियम अधिवक्ताओं की गरिमा और सम्मान को बढ़ाने का कार्य करेगा।
हमें आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि अब उत्तर प्रदेश सरकार अति शीघ्र अधिवक्ता संरक्षण अधिनियम लागू करेगी।