
डॉ.राजीव डोगरा – कांगड़ा हिमाचल प्रदेश
ताबीज तब ही काम आते हैं
जब बोलने की तमीज हो।
वक्त तब ही काम आता है
जब वक्त की कदर की हो।
अजीज तब ही काम आते हैं
जब उनसे तहबीज हो।
भक्ति तब ही काम आती है
जब उसमें शक्ति जगाई हो।
अपने तब ही काम आते हैं
जब उनसे अपनापन रखा हो।
इंसान तब ही काम आते हैं
जब उनमें इंसानियत बची हो।
दिल्लगी तब ही काम आती है
जब दिलदार अपना हो।