
पंकज कुमार मिश्रा, व्यंग्यकार / पत्रकार जौनपुर, यूपी
लोकसभा चुनाव की तैयारी अंतिम चरणों में है । कई जगहों पर प्रत्याशी घोषित हो चूके है। अब नेता अपने अपने लोकसभा क्षेत्रों में चौपाल बैठके इत्यादि में व्यस्त है। जनता नें नेता जी की कुंडली खोल ली है और एक ही गीत गुनगुना रहें : अब नेता सब घर घर आएंगे, वोट देने हेतु लालच दिखाएंगे, सर माथा सब सब अब रख जायेंगे ! देखो तुम ना बताना अबकी किसे है जिताना, नेता आयेंगे।। तुलसीदास जी ने वैसे भी कहा था कि जहाँ सुमति तहाँ सम्पति नाना, जहाँ कुमति तहाँ बिपति निदाना, यह बात देशकाल परिस्थिति से परे हर जगह लागू है, जनपद के एक नगर में खुर्राट टाइप नेता रहता था,बाल्यकाल से ही उसका मन लूट पाट छीन झपट टाइप गतिविधियों में ज्यादा लगता था सो उसके घर वालों नें विशेष प्रयास करके रुपया पैसा देकर किसी तरह उसे फैक्ट्री खुलवाई, फैक्ट्री नें डोनेशन दिलवाकर उसे नेताई दिलाई, उसी नगर में कई द लाल टाइप व्यक्ति के व्यक्ति भी रहते थे ,चूंकि वह द लाल नेतायोचित गतिविधियों में काफी सक्रिय रहते थे सो स्वाभाविक रूप से वह नेता जी के परम खास हो गए , वह आसपास के दो नंबरी धंधों की जानकारी खुद रखते थे, कमाते थे, कमीशन नेता जी को और नेता जी डोनेशन पार्टी को देते रहते थे। उस नेता जी का पुत्र भी द टॉप लाल टाइप का द लाल था, चांप के वसूली करता, फिर पार्टी के साथ कमिशन का माल, मिल बांट के खाते,यही नहीं अपने एरिये का का वो एकमात्र अधिकृत डीलर था, उसी के माध्यम से पार्टी पैसा पकड़ता था,एक दिन उस नेता के द लाल ने उससे कहा कि कब तक हम लोग यह सब चिन्दी चोरी टाइप काम करेंगे,क्यों न कोई लंबा हाथ मारा जाए,दलाल ने उसे बताया कि इस बार के लोकसभा में फिर अवसर लेंगे और अबकी लूट का माल पार्टी को नहीं देंगे क्यूंकि कल किसने देखा है। नगर से काफी पैसा हवाला के माध्यम से नेता तक तो जाता ही है जिसे यदि ईडी द्वारा पकड़ भी लिया जाय तो दो नम्मरी रुपया होने के नाते कोई कुछ नहीं बोलेगा, द लाल सब खुशी खुशी तैयार हो गए ,नेता जी को याद था पिछले कार्यकाल में सर्वप्रथम द लाल की सटीक मुखबिरी से पच्चासी लाख की कमीशन मिली थी , नेता ने हवाला व्यापारी को हड़काया कि फण्ड लो नहीं तो लूट का माल दिखा कर ईडी लगवा दूंगा, उठा के अंदर करवा दूंगा, और 35 करोड़ वापस देकर उसे भगा दिया, उधर द लाल ने उस पक्ष को भी सेट कर रखा था कि मैं तुम्हारा पैसा छुड़वा दूंगा उसका इरादा यह था कि जो काम होगा उधर से कमीशन खा लूंगा,वो नेता के पास आया तब तक नेता के मन में बेईमानी आ चुकी थी, उसने कहानी बनाई और द लाल से कहा कि पैसा दरअसल एक बहुत बड़े नेता का था इसलिए मुझे छोड़ना पड़ा, द लाल भाग के हवाला व्यापारी के पास आया कि पैसे छूट गए,लाओ मेरा कमीशन दो,हवाला व्यापारी ने बताया कि नहीं, केवल 35 ही छोड़े हैं,बाकी 50 करोड़ डकार लिए हैं,वो भाग के फिर नेता के पास गया पर वही सेम कहानी सुनने को मिली तब द लाल समझ गया कि उसके साथ खेल हो गया,सो फ्रस्टेट होकर उसने व्यापारी को नगर के वरिष्ठ अधिकारियों के पास भेज दिया, तब तक नेता उस 50 करोड़ में में से 26 करोड़ अपनी लेटेस्ट वाली पार्टी को देकर बाकी पैसे ठिकाने लगा चुका था,जब यह खबर उच्च ईडी अधिकारियों को लगी तो उन्होंने तुरंत मामले की गहन जांच की,चूंकि नेता के साथ के हमराही भी उससे खासे नाराज थे कि सारी रकम उसने अकेले ही पार कर ली है हम लोग को कुछ नहीं दिया सो उन सबों ने सारी बात उच्च अधिकारियों को बता दीं प्लस घटना के सीसीटीवी फुटेज भी उपलब्ध करा दिए,इस पर उच्च अधिकारियों ने नेता को खूब लतियाया और बाकी पैसा बरामद कर उसे जेल में डाल दिया,ये खबर सुन पार्टी के सेटर टाइप ओकील नेता के बैरक के आसपास मंडराने ,यदि नेता ने तुलसीदास जी की बातों पर ध्यान दिया होता,ईमानदारी से द लाल को उसका हिस्सा दे दिया होता, हमराहियों को भी कुछ पकड़ा दिया होता तो कोई लफड़ा ना खड़ा होता,सदा की तरह सीसीटीवी कैमरे भी खराब मिलते,पर उसने ऐसा न किया सो उसके ऊपर विपत्ति का पहाड़ टूट पड़ा। अब नेता जी जेल में द चक्की पिसिंग पिसिंग और पिसिंग।