जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह के निर्देशानुसार जनपद में खाद्य पदार्थों में मिलावट के विरुद्ध सघन अभियान चलाया गया। इस अभियान के अंतर्गत वर्षा ऋतु में संक्रामक रोगों के संभावित प्रसार को दृष्टिगत रखते हुए आमजन को शुद्ध एवं स्वच्छ खाद्य/पेय पदार्थ उपलब्ध कराने हेतु व्यापक कार्यवाही की गई।

कानपुर। सहायक आयुक्त (खाद्य)-II संजय प्रताप सिंह के आदेशानुसार जनपद के सभी खाद्य सुरक्षा अधिकारियों द्वारा अपने-अपने क्षेत्रों में सड़े-गले फलों, खुले एवं अस्वच्छ वातावरण में बिकने वाले खाद्य पदार्थों, मानक से अधिक रंग युक्त खाद्य सामग्री तथा मिलावटी जूस व अन्य खाद्य उत्पादों के खिलाफ खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के अंतर्गत विशेष अभियान चलाकर कठोर कार्यवाही की गई।

इस दौरान खाद्य कारोबारियों को कार्यालय आयुक्त, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, उ.प्र., लखनऊ द्वारा उपलब्ध कराए गए “ग्राहक संतुष्टि फीडबैक” स्टीकर भी लगभग 50 से अधिक खाद्य प्रतिष्ठानों पर चस्पा कराए गए तथा “फूड सेफ्टी ऐप” के प्रचार-प्रसार हेतु जागरूकता अभियान भी संचालित किया गया।

अभियान के अंतर्गत निम्न सामग्री को मौके पर ही नष्ट कराया गया
- के.डी.ए. मार्केट बर्रा से 40 किलो सड़ा आम।
- सनिगवां रोड स्थित ढाबे से लगभग 2 लीटर समोसे का जला व दूषित तेल।
- रामादेवी फल मंडी से 62 किलो सड़ा आम एवं 10 दर्जन सड़े केले।
- सनगिंवा रोड़ पर 20 किलो रंगयुक्त फ्रेंच फ्राइज़।
- रैना मार्केट के पास 15 किलो रंगयुक्त फ्रेंच फ्राइज़।
- सकेत नगर फल मंडी से लगभग 95 किलो सड़ा आम एवं 10 दर्जन सड़े केले।
- नौबस्ता में 40 किलो सड़ा आम नष्ट कराया गया।

यह अभियान भविष्य में भी निरंतर जारी रहेगा ताकि जनमानस को सुरक्षित एवं शुद्ध खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई जा सके।