जोड़ों के दर्द और कमजोरी का रामबाण इलाज!…… हो जाएंगी हड्डियां मजबूत

उम्र बढ़ने के साथ शरीर में कैल्शियम और विटामिन D की कमी होना आम बात है। इससे हड्डियां कमजोर पड़ने लगती हैं और जोड़ों में दर्द या ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याएं शुरू हो जाती हैं। लेकिन अगर आप थोड़ी सावधानी और सही डाइट अपनाएं तो ये परेशानी दूर की जा सकती है।  एक ऐसा घरेलू नुस्खा है जो न सिर्फ हड्डियों को मजबूत बनाता है बल्कि मांसपेशियों को भी ताकत देता है।

कमजोर हड्डियों के पीछे की क्या होती है वजह?

गलत खानपान, जंक फूड का सेवन, धूप की कमी, व्यायाम न करना और हार्मोनल असंतुलन जैसी वजहें हड्डियों की मजबूती को कम कर देती हैं। इसके चलते बोन डेंसिटी घटती है और चलने-फिरने में कठिनाई होने लगती है। डॉक्टरों के मुताबिक, अगर शरीर को पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम, मैग्नीशियम, विटामिन D3 और ओमेगा-3 फैटी एसिड्स न मिले तो हड्डियां तेजी से कमजोर हो जाती हैं। हड्डियों को मजबूत करने के लिए अलसी, तिल, कद्दू, सूरजमुखी के बीज, बादाम, काजू और कुछ आयुर्वेदिक मसाले बेहद असरदार होते हैं। ये सभी चीजें ओमेगा-3 फैटी एसिड, कैल्शियम और मैग्नीशियम से भरपूर होती हैं। इनसे बना पाउडर न सिर्फ हड्डियों को पोषण देता है बल्कि जोड़ों में ग्रीस बढ़ाकर दर्द और अकड़न से राहत दिलाता भी दिलाता है।

कैसे बनाएं घरेलू पाउडर?

ऊपर बताए गए घरेलू पाउडर को आप आसानी से बना सकते हैं। इसके लिए आपको इन चीजों की जरूरत पड़ेगी-

आधा कप अलसी के बीज

  • आधा कप तिल
  • आधा कप कद्दू के बीज
  • आधा कप सूरजमुखी के बीज
  • आधा कप बादाम
  • आधा कप काजू
  • ¼ कप हल्दी पाउडर
  • ¼ कप जीरा
  • ¼ कप धनिया के बीज
  • ¼ कप काली मिर्च
  • ¼ कप सौंफ

कैसे बनाएं ये पाउडर

इन सभी सीड्स को धीमी आंच पर हल्का भून लें। बादाम और काजू को थोड़ा घी डालकर भूनें। ठंडा होने पर सभी को मिक्सर में पीस लें और पाउडर बना लें। इसे एयरटाइट जार में स्टोर करें। इस पाउडर को 1–2 चम्मच दिन में एक या दो बार गुनगुने दूध या पानी के साथ खाएं। इसे खाना खाने के एक घंटे बाद लेना बेहतर होता है। लगातार 10 से 45 दिन तक सेवन करने से हड्डियों की कमजोरी में सुधार, जोड़ों के दर्द में राहत और एनर्जी लेवल में बढ़ोतरी महसूस होगी।

क्या होते हैं फायदे?

सीड्स से बने हुए इस पाउडर को खाने से हड्डियों की कमजोरी और दर्द में राहत मिलती है। शरीर में कैल्शियम और मैग्नीशियम की पूर्ति होती है। मांसपेशियों और नसों को मजबूती मिलती है। जोड़ों का लुब्रिकेशन बढ़ता है। ऑस्टियोपोरोसिस से बचाव होता है।

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