अपराधियों की आई शामत, अपराधियों को लंगड़ा बना रही योगी की पुलिस, चला रही अभियान, नाम दिया ‘ऑपरेशन लंगड़ा’

यूपी में योगी सरकार के आने के बाद से अपराधियों की शामत आई हुई है। बढ़ते अपराध पर नकेल कसने के लिए योगी की पुलिस एक अभियान चला रही है जिसे नाम दिया गया है ‘ऑपरेशन लंगड़ा’। इस ऑपरेशन के तहत पुलिस अपराधियों को पकड़ने के लिए उनकी टांगों में गोली मार रही है। उन्हें लंगड़ा बना रही है। बात अगर कानपुर की करें तो यहां की पुलिस अपराधियों पर काल बनकर टूट पड़ी है। यहां बदमाशों को लंगड़ा बनाने (ऑपरेशन लंगड़ा) का स्‍ट्राइक रेट 75 प्रतिशत से ऊपर है।

आंकड़ों पर नजर डालें तो कानपुर पुलिस ने 2024 में अपराधियों को पकड़ने के लिए 32 एनकाउंटर किए। इनमें 50 अपराधी पकड़े गए। इन अपराधियों में 35 पुलिस की गोली लगने से घायल हुए। अब अगर एनकाउंटर के औसत पर आएं तो पुलिस का स्‍ट्राइक रेट 70 प्रतिशत रहा। इसी तरह 2025 में 23 मुठभेड़ों में 29 अपराधी पकड़े गए। इन अपराधियों में 25 को पैर में पुलिस की गोली लगी थी। बीते 5 जुलाई 2025 तक के आंकड़ों के हिसाब से पुलिस का स्ट्राइक रेट 86% है।

बीते जनवरी में IPS अखिल कुमार ने कानपुर पुलिस कमिश्नरेट के पुलिस कमिश्नर का पद संभाला था। पदभार के तुरंत बाद अखिल कुमार ने मैसेज दे दिया था कि अपराध में शामिल लोग सुधर जाएं नहीं तो उनकी पुलिस कहर बनकर टूटेगी। आपको बता दें कि अखिल कुमार 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। 2005 में कुख्यात डकैत निर्भय गुर्जर के एनकाउंटर समेत लखनऊ के एक बड़े कारोबारी के बेटे के अपहरण के खुलासे में अहम भूमिका निभाकर चर्चा में आए थे।

अखिल कुमार यूपी के लखनऊ, गाजियाबाद, अलीगढ़, कन्नौज, अमरोहा में एसपी, एसएसपी के रूप में काम कर चुके हैं। शासन से कई मेडल पा चुके अखिल कुमार की गिनती तेज तर्रार अफसरों में होती है। वे 2010 में डीआईजी मेरठ के पद पर रहे। वहीं से केन्द्रीय प्रतिनियुकि्त पर चले गए थे। विदेश व जल संसाधन मंत्रालय में सेवा देने के बाद उनकी यूपी में वापसी हुई थी। वे कोलंबिया से मास्टर डिग्री हासिल कर चुके हैं।

ऑपरेशन लंगड़ा उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा अपराधियों के खिलाफ चलाया जा रहा एक अभियान है, जिसमें अपराधियों को गिरफ्तार करने और अपराध को नियंत्रित करने के लिए पुलिस मुठभेड़ों के दौरान अपराधियों को पकड़ने की कोशिश करती है। इस दौरान अगर अपराधी भागने या जवाबी कार्रवाई करने की कोशिश करते हैं, तो पुलिस अक्सर उनके पैरों में गोली मारकर उन्हें लंगड़ा कर देती है, ताकि वे भविष्य में अपराध करने में असमर्थ हो जाएं।

इस रणनीति को अनौपचारिक रूप से “ऑपरेशन लंगड़ा” कहा जाता है, क्योंकि इसका फोकस अपराधियों को शारीरिक रूप से अक्षम करने पर होता है, जिससे उनमें पुलिस का खौफ बना रहे। इस ऑपरेशन के कारण कई हिस्ट्रीशीटर अपराध छोड़कर सामान्य जीवन जीने लगे हैं। यह रणनीति अपराध नियंत्रण में प्रभावी मानी जा रही है, लेकिन इसकी कार्यशैली और नैतिकता पर भी चर्चा होती रही है।

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