जम्मू-कश्मीर पुलिस ने साइबर अपराध के खिलाफ़ अपने अभियान को तेज़ कर दिया है. इसके तहत 7200 से ज़्यादा बैंक खाते जब्त किए गए हैं. साथ ही 20,000 से ज़्यादा बैंक खाते रडार पर हैं. मामले की जांच के लिए 50 से ज़्यादा लोगों को पूछताछ में लिया हिरासत में लिया गया है. जांच एजेंसियों ने लेन-देन की रकम का खुलासा नहीं किया है, लेकिन रिपोर्ट बताती है कि यह करोड़ों का घोटाला है.
म्यूल खाते वे खाते हैं जिनका उपयोग साइबर धोखाधड़ी के लिए किराए के आधार पर किया जाता है. वे इन खाता धारकों को कमीशन देते हैं. यह साइबर सुरक्षा से खुद को बचाने के लिए किया जाता है. हमने I4C से संपर्क किया, जो ग्रह मंत्रालय का साइबर समन्वय केंद्र है और उनकी मदद से हम 3400 खातों का पता लगाने में कामयाब रहे और बाद में हम 7200 खातों का पर्दाफाश करने में कामयाब रहे और हमने 50 लोगों के खिलाफ़ कार्यवाही शुरू की है, दो संरचनाओं को गिरफ़्तार किया गया है और हमें यकीन है कि आने वाले समय में और गिरफ्तारियां होंगी.
सामाजिक कार्यकर्ता हैरिस ने कहा, “कुछ पीड़ित मेरे पास आए थे क्योंकि मैं श्रीनगर के डाउनटाउन इलाके से हूं. उन्होंने मुझे बताया कि उन्हें सोशल मीडिया के ज़रिए कुछ स्थानीय लोगों से लिंक मिले थे, जिन्होंने उन्हें बताया कि अगर आप खाते का विवरण भरेंगे, तो हम आपको प्रतिदिन पांच हज़ार या दस हज़ार का कमीशन देंगे. यह लेन-देन पर निर्भर करेगा और वे हमें प्रतिशत देंगे क्योंकि वे सभी बेरोज़गार थे. उन्होंने कहा कि रोजाना लगभग 5-10 लाख लेन-देन होते थे और फिर हमें साइबर ग्रहणाधिकार का नोटिस मिला. बाद में मैं उन्हें पुलिस और नागरिक प्रशासन के पास ले गया और मामला दर्ज किया, और मुझे खुशी है कि एसएसपी श्रीनगर ने 7200 म्यूल खातों का पर्दाफाश करके कार्रवाई की. मुझे यकीन है कि ऐसे 20,000 से ज़्यादा खाते होंगे। यह पैसा चीन के ज़रिए आ रहा है और इनमें से बहुत से ऐप चीनी हैं.
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने यह भी कहा कि जांच में पता चला है कि इनमें से कई अकाउंट अनजान व्यक्तियों, शेल कंपनियों या उद्यमों के हैं, लेकिन इन्हें जम्मू-कश्मीर के अंदर और बाहर से संचालित धोखेबाजों द्वारा नियंत्रित किया जाता है. पुलिस का मानना है कि यह कश्मीर के युवाओं को एक आसान तरीके से पैसा मिल रहा है और इस पैसे का इस्तेमाल आतंकवाद और नशे में हो सकता है इसलिए इस पर काबू पाना बेहद ज़रूरी है, कूकी यह युवाओं को ग़लत रास्ते में धकेल सकता है. साथ यह भी खुलासा हवा कि इस साइबर क्राइम का गढ़ कश्मीर बन चुका है.