बिहार की धरती पर सनातन के महाकुंभ का आयोजन हुआ, जिसमें संतों ने भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की हुंकार भरी। संतों के हिंदु राष्ट्र की हुंकार से पटना की धरती गूंज उठी। गांधी मैदान से गर्जना करते हुए बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि कुछ लोग तिरंगे पर चांद चाहते हैं और हम चांद पर तिरंगा चाहते हैं। बाबा बागेश्वर ने कहा कि हम ‘गजवा-ए-हिंद नहीं, ‘भगवा-ए-हिंद’ चाहते हैं।
बिहार की धरती से सनातनी उद्घोष हुआ है। पटना का ऐतिहासिक गांधी मैदान सनातन धर्म की आस्था, अध्यात्म और परंपरा का जीवंत प्रतीक बन गया। यहां देशभर से आए संत-महात्मा, महामंडलेश्वर और जगद्गुरुओं ने सनातन महाकुंभ 2025 में भाग लिया और भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की मांग की। भगवान परशुराम के जन्मोत्सव पर, आयोजित किए सनातन महाकुंभ में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि हमें भरोसा है की अगर भारत हिन्दू राष्ट्र बनेगा, तो पहला राज्य बिहार ही होगा।
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने सनातन की महिमा का बखान करते हुए कहा, ‘हम भाग्यशाली हैं कि पहला हमें तन मिला, दूसरा हमें भारत राष्ट्र मिला और तीसरा सनातन धर्म मिला।’ बाबा बागेश्वर ने जातिवाद का जहर घोलने वालों से भी लोगों को सावधान रहने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि देश को जातपात नहीं, राष्ट्रवाद के लिए लड़ना है। उन्होंने ऐलान किया कि बिहार में चुनाव के बाद सनातनियों को जोड़ने के लिए पदयात्रा करूंगा। उन्होंने ये भी साफ किया कि मैं किसी एक पार्टी का नहीं हूं, जिस पार्टी में हिंदू हैं उसी पार्टी का मैं हूं।
पटना में सनातन महाकुंभ में शामिल होने आए तुलसी पीठाधीश्वर, जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य भी विरोधियों पर खूब बरसे। उन्होंने कहा कि “बिहार के कुछ नेताओं ने संत समाज का अपमान किया है। हमने आपका क्या लिया, आप तो जानवरों का चारा तक खा गए।” पटना की धरती से जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने भी भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की मांग उठाई। जगद्गुरु ने कहा कि सनातन संकल्प का नाम है। जो यहां वंदे भारत कहेगा, वही इस धरती पर राज करेगा।