डॉक्टरों ने पत्रकारों को आकस्मिक स्थिति में दूसरों की जान बचाने के सिखाए तरीके

एम एम सिद्दीकी, सलमान अहमद
● न्यू हमीद अस्पताल में कार्यशाला आयोजित की गई
● डॉक्टर मुबारक अली के नेतृत्व में हुए कार्यक्रम के दौरान
● डॉ गयासुद्दीन ने डमी के माध्यम से पत्रकारों को सीपीआर का प्रशिक्षण दिया
● सीने पर बार बार दबाव डालने से कुछ देर में दिल पंप करने लगेगा और दिमाग तक खून व ऑक्सीजन की सप्लाई शुरू हो जाएगी 
● डॉक्टर मुबारक अली ने बताया कि आम तौर पर होता यह है कि किसी व्यक्ति के बेहोश होने पर लोग समझ नहीं पाते हैं कि क्या करना है
● कानपुर प्रेस क्लब के अध्यक्ष सरस बाजपेई ने न्यू हमीद अस्पताल के प्रयासों की सराहना की
● जल्द ही कानपुर प्रेस क्लब में कार्यशाला आयोजित की जाएगी
कानपुर: न्यू हमीद अस्पताल तलाक महल में कानपुर प्रेस क्लब के अध्यक्ष सरस वाजपेई की अध्यक्षता में एक कार्यशाला आयोजित की गई। इस दौरान डॉक्टरों ने पत्रकारों को आकस्मिक स्थिति में दूसरों की जान बचाने के तरीके सिखाए। न्यू हमीद अस्पताल के संचालक डॉक्टर मुबारक अली के नेतृत्व में हुए कार्यक्रम के दौरान डॉ गयासुद्दीन ने डमी के माध्यम से पत्रकारों को सीपीआर का प्रशिक्षण दिया।  उन्होंने बताया कि अगर अचानक कोई गिर पड़े और बेहोश हो जाये, दिमाग तक ऑक्सीजन न पहुंच रही हो तो उसका ब्रेन डेड हो सकता है ।ऐसी स्थिति उसकी जान बचाने के लिए 3 मिनट से अधिक समय नहीं रहता है ।इस दौरान अगर उसको प्राथमिक उपचार मिल जाए तो जान बच सकती है ।उन्होंने डमी के माध्यम से  बंद हुई दिल की धड़कनों को दोबारा शुरू करने तथा फेफड़ों में ऑक्सीजन पहुंचाने की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अगर कोई व्यक्ति गिर जाए तो और दिमाग तक ऑक्सीजन न पहुंच रही हो तो ऐसे में पहले उसकी नब्ज देखें,उसके बाद प्राथमिक उपचार शुरू करें।सबसे पहले  सीने के बीच में दोनों हाथ रखकर उसको 1 मिनट के अंदर कम से कम 120 बार जोर जोर दबाएं।
इस बीच उसकी नाक को बंद कर मुंह के माध्यम से सांस भी देते रहें ।  इससे फेफड़ों तक ऑक्सिजन पहुंचेगी। सीने पर बार बार दबाव डालने से कुछ देर में दिल पंप करने लगेगा और दिमाग तक खून व ऑक्सीजन की सप्लाई शुरू हो जाएगी । डॉक्टर मुबारक अली ने बताया कि आम तौर पर होता यह है कि किसी व्यक्ति के बेहोश होने पर लोग समझ नहीं पाते हैं कि क्या करना है। एंबुलेंस बुलाने ,व्यक्ति को अस्पताल अस्पताल तक ले जाने में काफी समय बर्बाद हो जाता है ।कभी-कभी अस्पताल ले जाने के दौरान ही व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है। अगर लोगों को सीपीआर की जानकारी हो तो वह समय पर प्राथमिक उपचार कर दिल को धड़कने वक्त फेफड़ों तक ऑक्सीजन पहचाने में मदद कर सकते हैं ।उन्होंने कहा की सीपीआर का प्रशिक्षण हर किसी को लेना चाहिए। इससे अपने घर वालों के साथ ही दूसरों की जान बचाने में सहयोग कर सकते हैं ।कानपुर प्रेस क्लब के अध्यक्ष सरस बाजपेई ने न्यू हमीद अस्पताल के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि जल्द ही कानपुर प्रेस क्लब में कार्यशाला आयोजित की जाएगी। जिसमें सभी पत्रकारों को सीपीआर की जानकारी देने के साथ प्रशिक्षित भी किया जाएगा।

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