- हिजबुल्लाह का याह्या सिनवार मौत पर एक्शन-इज़रायल पीएम के घर ड्रोन हमला रिएक्शन- तीसरे विश्व युद्ध का टेंशन
- इज़रायली पीएम के घर ड्रोन हमले के बीच 16 वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 23-25 अक्टूबर 2024 कज़ान रूस में फिलिस्तीन भी शामिल होगा
गोंदिया – वैश्विक स्तरपर दुनियाँ दो खेमों में बंट चुकी है। इन देशों में अप्रत्यक्ष रूप से प्रॉक्सी वॉर शुरू है,इस बीच भारत कनाडा का टेंशन भी बड़ा हुआ है, वहीं इस बिगड़ते माहौल व युद्ध के बीच 19 अक्टूबर 2024 को देर शाम इजरायल के प्रधानमंत्री के घर ड्रोन हमले की जानकारी डिजिटल मीडिया पर आग की तरह फैली जिसे देर रात्रि इजरायली पीएमओ कार्यालय व आईडीएफ ने भी कंफर्म किया व किसी जनहानि से इनकार किया। उधर इस कठिन माहौल क़े बीच रूस के कज़ान में 23 -25 अक्टूबर 2024 सेब्रिक्स देशों का 16वाँ शिखर सम्मेलन शुरू हो रहा है जिसकी तैयारियां जोर-जोर से की गई है। भारतीय पीएम भी 22-23 अक्टूबर 2024 को इस महासम्मेलन में शामिल होंगे, जिसमें संभावित वैश्विक जंग यानें वैश्विक युद्ध क़े दोनों आधार रूस-यूक्रेन व हमास-इजरायल युद्ध को रोकने के उपचार में भारतीय पीएम फिर ग्लोबल लीडर साबित हो सकते हैं।परंतु अभी नए घटनाक्रमों के चलते इस बारे में कहा नहीं जा सकता। चूँकि इजरायली पीएम के घर पर ड्रोन हमले से इसराइल एफडीआई के सुरक्षा घेरे में सेंघ से दुनियाँ हैरान है, इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे हिजबुल्लाह का याह्या सिनवर मौत पर एक्शन इजरायली पीएम के घर ड्रोन हमला रिएक्शन, तीसरे विश्व युद्ध का टेंशन।
साथियों बात अगर हम इजरायली पीएम के घर ड्रोन हमले की करें तो,लेबनानी गुट हिजबुल्लाह की ओर से शनिवार को निजी आवास पर ड्रोन हमले की कोशिश के बाद इजरायली पीएम बेंजामिन ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि इस ड्रोन अटैक के पीछे ईरान के एजेंट हिजबुल्लाह का मकसद उनको मारना था।उन्होंने दावा किया कि उनके साथ-साथ उनकी पत्नी की भी हत्या इस ड्रोन अटैक के जरिए करने की साजिश थी। उन्होंने इस अटैक के लिए ईरान के प्रॉक्सी और एजेंट्स को जिम्मेदार कहा है।ईरान पर लगाया हमले का आरोप,याह्या सिनवार की मौत और ड्रोन हमले ने इस युद्ध में एक नया मोड़ दिया है। इजरायल अब हामास और उससे जुड़े ईरानी एजेंटों से संघर्ष को बढ़ाता हुआ नजर आ रहा है।मसलन, इजरायली अधिकारी ने दावा किया कि हमले ईरान के इशारे पर किए गए थे, लेकिन इसके लिए इजरायल ने कोई सबूत पेश नहीं किया है।पीएम ऑफिस से आए एक बयान के मुताबिक, ईरान ने नेतन्याहू को निशाना बनाने की कोशिश की थी। यह घटना कासेरिया में हुई,जो अपने शानदार विला और रोमन सभ्यता के अवशेषों के लिए मशहूर है।इडीएफ ने बताया कि ड्रोन लेबनान से लॉन्च किए गए थे और इस हमले के कारणों की जांच की जा रही है। ईरान की तरफ से फिलहाल इजरायल के आरोपों पर कुछ प्रतिक्रिया समने नहीं आई है।कहा जा रहा है कि ड्रोन हमले के बीच लोगों को कोई वार्निंग नहीं मिली। मसलन, इजरायल का सुरक्षा कवच (वार्निंग सिस्टम) आमतौर पर किसी भी हमले को भांप लेता है और साइरन के जरिए लोगों की चेतावनी मिलती है। हालांकि, नेतन्याहू के आवास को निशाना बनाने वाले ड्रोन्स का पता नहीं चला।
साथियों बात अगर हम दुनियाँ के अलग-अलग गुटों में बटें होने व भारत की भूमिका की करें तो, इस समय अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य जटिल भी होता जा रहा है। दुनियाँ अलग अलग इलाकों में कई तरह से बंटी नजर आती है। जहां यूक्रेन के खिलाफ अमेरिक़ा पूरी दुनियाँ को रूस को लामबंद कर रहा है, और भारत रूस का साथ छोड़ने के लिए तैयार नहीं है, वहीं हमारा देश कई मामलों में चीन के खिलाफ अमेरिका का साथ देता दिखता है, तो फिर रूस, भारत, चीन, ब्राजील और साउथ अफ्रीका जैसे देशों का संगठन कुछ अजीब सा ही लगता है।पिछले कुछ समय से दुनियाँ में हलचल और युद्ध का संकट ज्यादा दिखाई दे रहा है, ऐसे में भारत की वैश्विक मंच पर भूमिका भी और भी संवेदनशील हो चली है। ऐसे में भारत और रूस, सहित कई विकासशील देशों का आपस में एक सहयोग संगठन में है जिसे ब्रिक्स कहते हैं।आगामी 22 अक्टूबर भारतीय पीएम रूस के शहर कजान में इसी के सम्मेलन में भाग लेने के लिए जा रहे हैं। भारत के पीएम अपनी वैश्विक भूमिकाओं के कारण ग्लोबल लीडर साबित हुए हैं। वे दुनियाँ के हर मंच पर अपनी काबिलियत का लोहा मनवा रहे हैं। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से पहले उनकी ये भूमिका उन्हें दुनियाँ के अन्य नेताओं से अलग करती है।
साथियों बात अगर हम युद्ध के माहौल में 16 वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 23-25 अक्टूबर 2024 की करें तो, ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से पहले भारत के पीएम के इज़राइल व फिलिस्तीन और रूस व यूक्रेन जंग रुकवाने के लिए किए गए प्रयास के कारण एक बार फिर ग्लोबल लीडर साबित हुए हैं। ब्रिक्स सम्मेलन से पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन संघर्ष को सुलझाने के लिएभारतीय पीएम के प्रयासों की सराहना की है। इससे पीएम की यह छवि और पुख्ता हुई है। पुतिन ने इज़राइल और फिलिस्तीन के बीच संघर्ष को समाप्त करने के लिए भारत की भूमिका को महत्वपूर्ण माना है। भारत ने हमेशा दोनों पक्षों के बीच बातचीत और शांतिपूर्ण समाधान की वकालत की है।भारत सरकार ने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर यह मुद्दा उठाया है, साथ ही भारत ने हमेशा संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों और दो-राज्य समाधान के सिद्धांत का समर्थन किया है। भारत की भूमिका में मध्यस्थता, कूटनीतिक संवाद, और मानवता के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना शामिल है। हालांकि, स्थिति जटिल है और पीएम की भूमिका सीमित होती है, लेकिन भारत का यह प्रयास वैश्विक स्तर पर शांति और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है। ब्रिक्स सम्मेलन में फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास की भागीदारी एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है। यह न केवल फिलिस्तीन के लिए एक अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी आवाज़ उठाने का अवसर है, बल्कि यह ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग और एकजुटता को भी दर्शाता है। इस भागीदारी के माध्यम से, अब्बास फिलिस्तीनी मुद्दों को प्रमुखता से उठाने और वैश्विक समर्थन प्राप्त करने का प्रयास करेंगे। इस प्रकार के सम्मेलनों में शामिल होकर, वे फिलिस्तीन के संघर्ष और स्थिति को दुनिया के सामने लाने की कोशिश करते हैं, जिससे कि अन्य देश और अंतरराष्ट्रीय संगठन फिलिस्तीन के अधिकारों और स्वतंत्रता के समर्थन में आगे आ सकें ब्रिक्स जैसे मंचों पर उनकी भागीदारी अंतरराष्ट्रीय संबंधों में एक नया दृष्टिकोण और संवाद का निर्माण कर सकती है।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि हिजबुल्लाह का याह्या सिनवार मौत पर एक्शन-इज़रायल पीएम के घर ड्रोन हमला रिएक्शन, तीसरे विश्व युद्ध का टेंशन इजरायली पीएम के घर पर ड्रोन हमला इजरायली डिफेंस फोर्स के सुरक्षा घेरे में सेंध से दुनियाँ हैरान।इज़रायली पीएम के घर ड्रोन हमले के बीच 16 वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 23-25 अक्टूबर 2024 कज़ान रूस में फिलिस्तीन भी शामिल होगा।
संकलनकर्ता लेखक – क़र विशेषज्ञ स्तंभक़ार एडवोकेट किशन सनमुख़दास भावनानीं गोंदिया महाराष्ट्र