सांप के काटने पर झाड़-फूंक कराना हो सकता है घातक, नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर कराएं उपचार : एडीएम

कानपुर। मानसून के आगमन के साथ ही सर्पदंश की घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है। इस संबंध में अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) विवेक चतुर्वेदी ने नागरिकों से अपील की है कि सर्पदंश की स्थिति में झाड़-फूंक या देरी करने के बजाय तत्काल निकटतम स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचकर चिकित्सकीय उपचार प्राप्त करें। उन्होंने स्पष्ट किया कि लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है।
चतुर्वेदी ने बताया कि सर्पदंश के कारण यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है, तो शासन द्वारा राज्य आपदा मोचन निधि (एसडीआरएफ) के अंतर्गत मृतक के आश्रितों को 4 लाख की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। सहायता प्राप्त करने के लिए घटना की सूचना तत्काल ग्राम प्रधान, राजस्वकर्मी या संबंधित तहसील कार्यालय को देना अनिवार्य है। प्राप्त सूचना के आधार पर राजस्व विभाग की टीम घटना स्थल का निरीक्षण कर जांच आख्या तैयार करती है, जिसे अनुमोदन के उपरांत सहायता की संस्तुति हेतु प्रेषित किया जाता है। स्वीकृति मिलने पर सहायता राशि प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) प्रणाली के माध्यम से मृतक के नामित आश्रित के आधार से लिंक्ड बैंक खाते में स्थानांतरित की जाती है। इस प्रक्रिया के लिए मृत्यु प्रमाण पत्र, राजस्व जांच रिपोर्ट, आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण एवं पारिवारिक विवरण जैसे दस्तावेजों की पूर्ति आवश्यक होती है।
एडीएम वित्त एवं राजस्व ने बताया कि जनपद के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर सर्पदंश के उपचार हेतु एंटी-स्नेक वेनम दवाएं उपलब्ध कराई गई हैं। चिकित्सकों को निर्देशित किया गया है कि सर्पदंश के किसी भी मामले में तत्परता के साथ चिकित्सा उपलब्ध कराई जाए। जिला प्रशासन जनहित में यह सुनिश्चित कर रहा है कि प्रत्येक पीड़ित को समय पर उचित उपचार एवं पात्र सहायता उपलब्ध हो।
जल में डूबने से हुई मृत्यु पर भी 4 लाख रुपये की सहायता का प्रावधान
बरसात के मौसम में नदियों, नहरों, तालाबों एवं अन्य जल स्रोतों में डूबने की घटनाएं भी सामने आती हैं। यदि कोई व्यक्ति दुर्घटनावश डूबकर मृत्यु को प्राप्त करता है, तो शासन द्वारा एसडीआरएफ के तहत मृतक के आश्रितों को 4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। इसके लिए राजस्व जांच रिपोर्ट, मृत्यु प्रमाण पत्र, पोस्टमार्टम रिपोर्ट (यदि उपलब्ध हो), पारिवारिक विवरण एवं बैंक खाता संबंधित दस्तावेजों के आधार पर सहायता अनुमोदित की जाती है।

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