कानपुर। दिव्यांग महागठबंधन की बैठक हुई। बैठक में सरकार द्वारा 18 मार्च व 7 मई को शासन में मांगों को लेकर समझौता हुआ था। समझौता की कार्यवृत्त भी जारी हुई थी। लेकिन सरकार ने लेखपाल व मुख्य सेविका अभ्यर्थियों की नियुक्ति, सीजनल अमीनों का विनियमितिकरण नहीं किया। नौकरी रोजगार स्वास्थ शिक्षा सुरक्षा की सौ फीसदी गारंटी नहीं दी , दिव्यांग पेंशन पांच हजार रुपए सरकार ने नहीं किया । सरकार ने समझौते का पालन नहीं किया। दिव्यांग संगठनों व दिव्यांगजनों में इसको लेकर रोष व्याप्त है।
महागठबंधन के महासचिव वीरेन्द्र कुमार ने कहा कि सरकार दिव्यांगजनों के साथ धोखा कर रही है। दिव्यांग नौकरी रोजगार न मिलने के कारण आत्महत्या कर रहे हैं सरकार मुक दर्शक बनी है। उत्तर प्रदेश में अफसरशाही हावी है। दिव्यांगजनों कि कोई सुनने वाला नहीं है। फर्जी आस्वाशन व घोषणा से दिव्यांगजन त्रस्त है।
उन्होंने कहा कि सरकार अगर 29 जुलाई से पहले लेखपाल, मुख्य सेविका अभ्यर्थियों को नौकरी व सीजनल अमीनों का विनियमितिकरण नहीं करती है। दिव्यांगजनों को नौकरी रोजगार स्वास्थ शिक्षा सुरक्षा की सौ फीसदी गारंटी , पेंशन पांच हजार रुपए महीना नहीं करती है तो 30 जुलाई को उत्तर प्रदेश के हजारों दिव्यांग मुख्यमंत्री कार्यालय विधानसभा का घेराव करेंगे। वीरेन्द्र कुमार ने कहा कि हम दिव्यांगजनों को मरने नहीं देंगे, जीवन के अन्तिम सांस तक लड़ेंगे। बैठक में महागठबंधन के महासचिव वीरेन्द्र कुमार, प्रवक्ता आनन्द तिवारी, जिला अध्यक्ष राहुल कुमार, महिला मोर्चा की अध्यक्ष अल्पना कुमारी, गुड्डी दीक्षित, वैभव दीक्षित, गौरव कुमार, रंजीत सिंह, गोमती वर्मा, सरला आदि शामिल थे।