
हिंदू वर्ष की आखिरी अमावस्या 8 अप्रैल को होने वाली है. चैत्र मास के कृष्ण पक्ष यानि कि 8 अप्रैल सोमवार के दिन यह अमावस्या पड़ेगी. सोमवार के दिन के वजह से इसे सोमवती अमावस्या भी कहते हैं. वहीं सोमवती अमावस्या को भूतड़ी अमावस्या भी कहा जाता है.
बता दें कि भूतड़ी अमावस्या के दिन ही एक ऐसा संयोग बन रहा है कि इसी दिन सूर्यग्रहण भी है.ग्रहण 8 अप्रैल सोमवार की रात 9 बजकर 12 मिनट से शुरू होगा जो 2 बजकर 22 मिनट तक रहेगा. भूतड़ी अमावस्या के दिन ही सूर्यग्रहण का होना कई परेशानियों को बुलावा देने के बराबर है. चलिए ज्योतिष शास्त्र में विस्तार में जानते हैं कि सोमवती अमावस्या को भूतड़ी अमावस्या क्यों कहते हैं और इस दिन पड़ रहे सूर्यग्रहण लोगों के लिए कितना घातक साबित हो सकता है.
जानें भूतड़ी अमावस्या का अर्थ
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भूत का अर्थ जो पहले हो चुका है उससे होता है. जैसे ऐसा कोई व्यक्ति जिसकी मृत्यु पहले हो चुकी है और वो भूतकाल में है. ये अतृप्त आत्माएं, अनजान आत्माएं या फिर पारिवारिक सदस्यों की आत्मा जिनकी अकाल मृत्यु हो जाती है. लेकिन उनके जीवन की कुछ इच्छाएं अब भी बाकी रह गई हो.
भूतड़ी अमावस्या पर पितृ की प्रसन्नता के लिए करें दान
भूतड़ी अमावस्या के दिन पितृ खुश रखने के लिए इस दिन दान पुण्य कर काम अवश्य करें. इसके लिए इस दिन गंगा या फिर किसी पवित्र नदी में जरूर स्नान करें. साथ ही अपने पितृ के नाम से जरूरतमंदों में कपड़े या जरूरत की चीजों का जरूर दान करें. हो सके तो अपने पितृ की पसंद की मिठाई का भी दान करें.