भगवान गणेश की ‘आपत्तिजनक’ प्रतिमा देख भड़के लोग, मूर्तिकारों का मुंह किया काला

मध्य प्रदेश के इंदौर में धार्मिक भावनाएं आहत हुई है, जिसके बाद फिर से विवाद खड़ा हो गया। विवाद होने की वजह है पश्चिम बंगाल के मूर्तिकारों द्वारा बनायी गयी गणेश जी की मुर्तियां। इंदौर के खजराना इलाके में आधुनिक शैली में गणेश प्रतिमाएँ देखकर बजरंग दल के लोगों की भावनाएं भड़क गयी और विवाद मारपीट पर उतर आया। बजरंग दल के सदस्यों ने मूर्तियाँ बनाने वाले बंगाली कलाकारों पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने का आरोप लगाया। कलाकारों के चेहरे काले करके उन्हें खजराना थाने ले गए। पुलिस ने कारीगरों के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।

पुलिस के एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि शहर के बंगाली चौराहे के पास भगवान गणेश की प्रतिमाएं बनाने वाले तीन मूर्तिकारों-चंद्रनाथ पाल, रतनलाल पाल और राजू पाल के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 299 (धार्मिक भावनाओं को जान-बूझकर ठेस पहुंचाना) और अन्य संबद्ध प्रावधानों के तहत खजराना पुलिस थाने में रविवार शाम प्राथमिकी दर्ज की गई। यह प्राथमिकी बजरंग दल के विरोध प्रदर्शन के बाद दर्ज की गई।

अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त अमरेंद्र सिंह ने संवाददाताओं को बताया,‘‘हमें शिकायत मिली थी कि कुछ ग्राहकों के ऑर्डर के आधार पर खजराना क्षेत्र में भगवान गणेश की आपत्तिजनक प्रतिमाएं बनाई जा रही हैं। शिकायत पर तत्परता से कदम उठाकर हमने तीन मूर्तिकारों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है और उनके खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्रवाई भी की जा रही है।’’

उन्होंने बताया,‘‘हम शहर में देवी-देवताओं की प्रतिमाएं बनाने वाले सभी कलाकारों के साथ बैठक करने जा रहे हैं ताकि आइंदा वे धार्मिक परंपराओं के अनुसार ही मूर्तियां बनाएं।’’ इस बीच, सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो सामने आए हैं जिनमें आरोपियों के मुंह पर कालिख पुती नजर आ रही है और पुलिस के एक दफ्तर के बाहर कुछ लोग भगवान गणेश की आपत्तिजनक मूर्तियों को लेकर उनसे पूछताछ करते नजर आ रहे हैं।

बजरंग दल के जिला संयोजक लकी रघुवंशी ने दावा किया कि ‘‘हिंदू समुदाय के कुछ लोगों’’ ने तीनों मूर्तिकारों का मुंह काला करके आपत्तिजनक प्रतिमाओं के खिलाफ अपना विरोध जताया। उन्होंने कहा,‘‘तीनों मूर्तिकार भगवान गणेश की पहले से तैयार तस्वीरों की नकल करते हुए उनकी आपत्तिजनक प्रतिमाएं बना रहे थे। इनमें से एक तस्वीर में भगवान गणेश किसी मॉडल की तरह मंच पर ‘कैटवॉक’ करते नजर आ रहे हैं, जबकि दूसरी तस्वीर में उन्हें एक महिला को गोद में उठाते देखा जा सकता है।’’

अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (कानून-व्यवस्था) अमित सिंह ने बताया कि विवादित घटनाक्रम से जुड़े तीनों आरोपी मूलतः पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं और आजीविका के लिए परंपरागत तौर पर मूर्तियां बनाने का काम करते हैं। उन्होंने कहा,‘‘आरोपियों ने संभवत: (कलात्मक) नवाचार के चक्कर में धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाने का काम किया है। सीमाओं का अतिक्रमण नहीं होना चाहिए। हम मामले की विस्तृत जांच कर रहे हैं।’’

आरोपियों के साथ काम करने वाले मूर्तिकार अतुल पाल ने बताया कि विवाद के बाद भगवान गणेश की आपत्तिजनक मूर्तियां बनाने का काम बंद कर दिया गया है। पाल ने बताया, “देवास शहर के कुछ ग्राहकों ने सोशल मीडिया पर सामने आईं तस्वीरों के आधार पर ये मूर्तियां बनाने का ऑर्डर दिया था। बजरंग दल कार्यकर्ताओं के विरोध के बाद ग्राहकों ने अपना ऑर्डर रद्द कर दिया है। इन ग्राहकों का कहना है कि वे गणेशोत्सव पर भगवान गणेश के पारंपरिक स्वरूप वाली मूर्तियां ही स्थापित करेंगे।

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