अगले साल प्रयागराज में महाकुंभ है. यूपी सरकार महाकुंभ की तैयारियों में जुटी हुई है. महाकुंभ एक धार्मिक पर्व है, लाखों लोग आस्था की डुबकी लगाते हैं, इसलिए इतने ग्रैंड आयोजन के लिए तैयारी भी खास करनी होती है. और इन्हीं तैयारियों को लेकर योगी सरकार एक्शन में है. इसको लेकर अबतक योगी सरकार दो बड़े फैसले ले चुकी है.
मांस-मदिरा पर रोक
पहला निर्णय यह है कि महाकुंभ के दौरान प्रयागराज में सनातन भावनाओं के सम्मान में मांस और शराब की बिक्री पर रोक रहेगी. यह कदम धार्मिक आस्थाओं का सम्मान करने के लिए उठाया गया है.
दूसरा निर्णय यह है कि महाकुंभ में शराब पीने वाले और मांसाहार का सेवन करने वाले पुलिसकर्मियों को ड्यूटी पर नहीं लगाया जाएगा. इसका मतलब है कि जो पुलिसकर्मी मांस या शराब का सेवन करते हैं, उनकी तैनाती महाकुंभ में नहीं की जाएगी.
इसके तहत DGP हेडक्वार्टर ने सभी कमिश्नरेट और रेंज को विशेष निर्देश दिए हैं. साथ ही, प्रयागराज भेजे जाने वाले पुलिस बल की विशेष निगरानी रखी जा रही है.
ड्यूटी से पीछे हटने का मामला
हालांकि, इस निर्णय के बाद एक नया ट्विस्ट सामने आया है. यूपी पुलिस के कुछ जवान अब खुद ही कुंभ की ड्यूटी से अपने कदम पीछे खींच रहे हैं. कई पुलिसकर्मी मेला क्षेत्र से अपनी तैनाती हटवाने के लिए जिला मुख्यालयों पर जानकारी दे रहे हैं कि वे मांसाहारी और शराब का सेवन करते हैं.
पुलिसकर्मियों की चुनौतियां
पुलिस सूत्रों के अनुसार, महाकुंभ और माघ मेला में पुलिसकर्मियों के पीछे हटने की कई वजह होती हैं. मेला क्षेत्र में तैनाती के दौरान उन्हें 24 घंटे ड्यूटी करनी होती है, जिससे उनकी व्यक्तिगत जिंदगी पर भी असर पड़ता है. इसके अलावा, मेले में अव्यवस्थाओं का सामना करना पड़ता है, जो पुलिसकर्मियों के लिए एक चुनौती बन जाता है.
इस तरह, यूपी सरकार की महाकुंभ की तैयारियों में पुलिसकर्मियों की भूमिका और उनकी चुनौतियां भी एक महत्वपूर्ण पहलू बन गई हैं. यह देखना दिलचस्प होगा कि इन मुद्दों का समाधान कैसे किया जाएगा और महाकुंभ के सफल आयोजन के लिए किस तरह की व्यवस्थाएं की जाएंगी.