जनता वोट भी डाले, नेता जी की जय जयकार भी करें, दरी भी बिछाए, पार्टी कार्यक्रमों में अपना पेट्रोल भी जलाए जाति – जाति कहकर गाली भी खाये और ज़ब विकास की बारी आये तो नेता से सांसद – विधायक बने माननीय के खासम खास लोग मलाई खाए, नेता जी वोटर और बाकि जनता को भूल जाए । जनता भी आजकल बड़े ही धार्मिक भाव में जी रही है। रोज सुबह अख़बार सोशल मिडिया, यूट्यूब इत्यादि खोलते ही अपने चुने सांसद मंत्री विधायक के दर्शन करके अपने आप को सांत्वना दे लेती है पर क्या मजाल की लाईव इनके दर्शन हो जाए क्षेत्र में ! हमारे यहाँ तो मछलीशहर के केराकत विधनासभा वाले पीडीए के लोग भी कहते है दुर्लभ भगवान के दर्शन तो मिल जाते हैं, पर अपने सांसद महोदया के नहीं ! लगता है सांसद जी ने विकास की ऐसी गंगा बहा दी है कि जनता अब तक उसी में बह रही है, शायद इसी कारण राजनीति में नेताओं के प्रति गाली का स्तर बढ़ गया है और सांसद व विधायक जनता के बीच उतर ही नहीं पा रहे हैं।
जनता कहती है हमने तो वोट दिया था विकास के लिए, लेकिन अब तो सांसद जी ही विकास बन गए अदृश्य और दुर्लभ। कभी – कभी लगता है कि वो दिल्ली में हैं हमारे मुद्दों की फ़ाइल लिए क्या पता गली – गली भटक रहें हो , कभी लगता है कि किसी विकास परियोजना के नक्शे में गुम हो गए हो शायद ! फिर किसी ने मज़ाक में कहा श्वान दर्शन आसान हैं, पर सांसद दर्शन कठिन ! कहा जाता है कि हमारे जौनपुर सांसद जी नें तो जनपद को इतना विकसित कर दिया है कि सड़कों पर चलने से पहले लोग ‘विकास देखो अभियान’ चलाते हैं। विकास की रफ़्तार गीनते हुए मन ही मन सोचते हैं, यही तो लोकतंत्र की पहचान है, वोट लो, कुनबा बढ़ाओ, गायब हो जाओ ! जनता तो अब यह भी सोच रही है कि शायद सांसद जी को किसी सुरक्षित तिजोरी में रख दिया गया है, जैसे कोई कोहिनूर हीरा हो — सुरक्षित, चमकदार, पर जनता की पहुंच से बाहर। वोट के वक्त जो ‘जनसेवक’ बने थे, अब ‘जनसेवित’ बन गए हैं।
उधर नजदीकी जनपद आजमगढ़ जिले में तो बकायादा सांसद और विधायक के लापता होने के पोस्टर तक लगे। भाजपाई वोटरों ने कहा हिंदुओं के त्यौहार में लापता रहते हैं सांसद धर्मेंद्र यादव, बीते दिनों दशहरे पर रावण की जगह इन्हीं के पोस्टर लगे जो बने चर्चा का केंद्र और अब आजमगढ़ विकास के आंसू रो रहा। जिले में एक तरफ जहां जनपद के लोग दशहरे मेला देखने की तैयारी में जुटे थे , वहीं दूसरी ओर आजमगढ़ सांसद को लेकर मामला गर्म हो गया । सपा कार्यालय के पास सांसद और विधायक के लापता होने के पोस्टर देख लोगों को मछलीशहर की सांसद प्रिया सरोज भी याद आ गई। चर्चाओं का केंद्र बने रहें जौनपुर के भी आयातित सांसद। बाद में पता लगा सपा कार्यालय के पास लगे बैनर डुगडुग्वा के ग्रामीणों द्वारा लगाए गए । गांव की समस्या से संबंधित फोटो भी चसपा की गई है साथ ही सांसद धर्मेंद्र यादव और सदर विधायक दुर्गा प्रसाद यादव के फोटो भी लगाए गए थे । इसे लेकर सभी जनपद में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया । लोग तरह-तरह की चर्चाएं करनें लगे । बताते चलें कि आस – पास के जनपद में इसके पहले भी सांसदों और विधायकों के लापता होने के पोस्टर लगते रहें हैं। अभी हाल ही में निजामाबाद विधानसभा क्षेत्र में लालगंज सांसद और निजामाबाद विधायक के लापता होने के पोस्टर लगे थे।
वहीं अब डुगडुगवा के ग्रामीणों द्वारा लगाए गए लापता बैनर लोगों के बीच चर्चा का विषय बने गए । बूढ़े चाचा बद्रीलाल जादव कहते हैं, बचई भोट तो हम साईकिल पर दिहले रहली पर भिकास के कुल क़ाम त जोगी बाबा करत हयन। हम ना जाने की सैफई परिवार आयोजन और नियोजन करें में व्यस्त बा ! अरे बेटा, पहले सागर में मोती मिलते थे, अब त सांसदाईन के दर्शन भी दुर्लभ हौ ! खाली तब नाम सुनले रहली जब क्रिकेट से ओनकर वियाह होवे के रहल ! हम बोले चचा क्रिकेट से नाही क्रिकेटर से ! जनता जनता चाहती है कि सभी सांसद जी एक बार तो जनता की गलियों में उतरें, ताकि लोग यकीन कर सकें कि सांसद सिर्फ पोस्टरों में नहीं, सच में भी मौजूद हैं। जब कोई पूछता है विकास कैसा है ? तो जवाब मिलता है — विकास तो खूब हुआ है, बस जनता उसे देख नहीं पा रही जैसे सांसद, विधायक और मंत्री जी खुद नहीं दिखते वैसे ही विकास भी सामान्य दृष्टि से नहीं दिखती !

पंकज सीबी मिश्रा, राजनीतिक विश्लेषक एवं पत्रकार जौनपुर यूपी
