‘भारत माता की जय’ कहने में मुसलमानों को आपत्ति क्यों? पाकिस्तानी पत्रकार के सवाल पर तिलमिलाए मौलाना रशीदी

स्वतंत्रता दिवस समारोह के बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो आया, जिसमें भारत माता की जय के नारे पर कुछ मुस्लिम छात्र-छात्राएं खामोश दिख रहे हैं. मतलब नारे लगते ही वे इसे इग्नोर करते दिखाई देते हैं. इससे पहले कई मुस्लिम धर्मगुरु, मौलाना और नेताओं के आपत्ति जताने वाले बयान आ चुके हैं. वे इसे इस्लाम के खिलाफ कहते हैं. इसी मुद्दे पर जब पाकिस्तानी पत्रकार आरजू काजमी ने भारत के मौलाना मोहम्मद साजिद रशीदी का इंटरव्यू लिया तो उन्होंने मदरलैंड पर अपना तर्क रखा. पहले आप वायरल वीडियो देखिए.

ये इस्लाम में तो है नहीं…

मौलाना रशीदी की भी एक क्लिप वायरल हुई थी, जिसमें वह आपत्ति जताते हुए कहते हैं कि स्कूल के बच्चों से भारत माता की जय कहलवाया जा रहा है. पाक पत्रकार आरजू ने साफ कहा कि ‘भारत माता की जय’ का मतलब तो मदरलैंड से ही है, इसमें कोई बुरी बात तो नहीं है. आप इतने नाराज क्यों हैं? ऑल इंडिया मुस्लिम एसोसिएशन के चेयरमैन रशीदी ने कहा, ‘हमारे बिरादराने वतन हिंदू भाई भारत के नक्शे पर एक लेडी का फोटो लगाते हैं और उसे माता मानकर पूजा करते हैं. इबादत करते हैं. इस्लाम में तो ये है नहीं. इस्लाम में तो सिर्फ अल्लाह की इबादत है और किसी की नहीं.’

मदरलैंड तो हमारी भी है लेकिन इबादत ठीक नहीं

मौलाना रशीदी ने कहा कि जहां तक मदरलैंड का मामला है, मदरलैंड अलग चीज है और मदरलैंड (मातृभूमि) को मदर (माता) मानकर उसकी इबादत करना बिल्कुल अलग चीज है. मदरलैंड तो हम भी मानते हैं. हम हिंदुस्तान को मादरे वतन कहते हैं लेकिन उसे मां कहकर इबादत करना इस्लाम में नहीं है.

हिंदुस्तान जिंदाबाद…

उन्होंने कहा कि मैंने ये कहा है कि ये आस्था मेरे हिंदू भाइयों की है तो मेरे हिंदू भाई जो टीचर हैं, वे अपनी आस्था को मुसलमान बच्चों में न डालें. और मुस्लिम टीचर जो भी हैं, जो स्कूल में पढ़ाते हैं वे बच्चों को बताएं कि अगर ऐसे इवेंट्स के समय इस तरह की बात हो तो साफ मना कर दें कि ये हमारी आस्था के खिलाफ है. मौलाना ने कहा कि हिंदुस्तान जिंदाबाद कहें, इसमें कोई दिक्कत नहीं है.

ये जो नई चीज निकाल लाए आप…

पत्रकार आरजू काजमी ने कहा कि जिसको भी हिंदी समझ में आती है उसे तो यही लगता है कि भारत माता की जय तो सीधे देश की बात है. आप जो नई चीज निकाल कर लाए हैं, क्या ये गैरजरूरी नहीं लगता है? मौलाना यह सुनकर तिलमिला गए. उन्होंने कहा कि नहीं, ये गैरजरूरी नहीं है. ये आज पहली मर्तबा बात नहीं हो रही है. इस पर और वंदे मातरम पर भारत में बहुत बात हो चुकी है. जो चीज आस्था के खिलाफ जाएगी उस पर बोला जाएगा.

आगे मौलाना ने कहा कि मेरे देश का संविधान ये भी कहता है कि आप अपने धर्म के मुताबिक अपनी जिंदगी को आजादी के साथ जी सकते हैं. ऐसे में जो चीज मेरी आस्था के आड़े आएगी, तो मैं ऐतराज करूंगा. इसमें कोई गलत लगने वाली बात नहीं है.

 

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