तिरुपति लड्डू विवाद को नहीं बनने देंगे सियासी ड्रामा, SC ने जांच के लिए बनाई नई SIT

क्या तिरुपति के भगवान वेंकटेश्वर मंदिर के लड्डू प्रसाद में दूषित घी का इस्तेमाल हुआ? इसकी जांच अब सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित जांच टीम करेगी. इस SIT में CBI के दो अधिकारी, दो राज्य पुलिस के अधिकारी और एक फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड ऑथोरिटी के अधिकारी शामिल होंगे. जांच में शामिल होने वाले CBI के दो अधिकारियों को CBI डायरेक्टर, दो पुलिस के अधिकारी को राज्य सरकार और FSSAI के अधिकारी को ऑथोरिटी के चेयरमैन नियुक्त करेंगे. इस जांच की निगरानी CBI डायरेक्टर करेंगे.

अब नई SIT करेंगी जांच

इससे पहले इस मामले में आंध्र प्रदेश सरकार ने जांच के लिए SIT का गठन किया था. अब राज्य सरकार की SIT के बजाए नई SIT इस पूरे विवाद की जांच करेगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमारे आदेश का यह मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए कि हम राज्य सरकार की SIT के अधिकारियों  की निष्पक्षता या काबिलियत पर शक कर रहे हैं. ये एक ऐसा मामला है कि जो करोड़ों लोगों की आस्था से जुड़ा है. उसके मद्देनजर हम नई SIT के गठन का आदेश दे रहे हैं.

SG तुषार मेहता का सुझाव

पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछा था कि क्या इस मामले में राज्य सरकार की ओर से गठित एसआईटी की जांच जारी रहनी चाहिए या फिर जांच का जिम्मा किसी स्वतंत्र एजेंसी को सौंप दिया जाए. आज एसजी तुषार मेहता ने कहा कि अगर इन आरोपों में जरा भी सच्चाई है तो ये स्वीकार्य नहीं है. हमें  राज्य सरकार की SIT जांच पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन बेहतर होगा अगर जांच की निगरानी केंद्रीय सरकार के वरिष्ठ अधिकारी करें.

आंध्र प्रदेश सरकार,  TTD, याचिकाकर्ताओं की दलील

आंध्र प्रदेश सरकार की ओर पेश वरिष्ठ वकील मुकल रोहतगी ने कहा कि  इस मसले पर राज्य सरकार की SIT की जांच  जारी रहनी चाहिए. अगर  कोर्ट चाहे तो अपनी ओर से किसी अधिकारी को SIT में शामिल कर सकता है. हालांकि एक याचिकाकर्ता वाई वी सुब्बा रेड्डी की ओर से पेश वकील कपिल सिब्बल ने इस पर आपत्ति जाहिर की. सिब्बल ने कहा कि इस मामले में जिस तरह से मुख्यमंत्री के बयान आए हैं, हमें राज्य सरकार की निष्पक्षता पर संदेह है. इस मामले में जांच स्वतंत्र जांच एजेंसी से कराना ही सही होगा.

कोर्ट में सियासी बहस नहीं

आंध्र प्रदेश सरकार की ओर से पेश वकील चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि घी में एनिमल फैट का इस्तेमाल हुआ था. कपिल सिब्बल ने कहा कि जब घी में मिलावट थी तो मौजूदा मंदिर प्रबंधन ने दूषित घी को मंदिर परिसर में क्यों पहुंचने दिया? इस पर TTD की ओर से पेश सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि घी का ठेका पुरानी सरकार ने दिया था.

इस बहस के मद्देनजर कोर्ट ने कहा कि वो इस प्लेटफार्म का इस्तेमाल सियासी आरोप -प्रत्यारोप के लिए नहीं देगा. हम इसे राजनीतिक मुद्दा नहीं बनने देंगे.

अब आगे क्या होगा

सुप्रीम कोर्ट ने अपनी ओर से कोर्ट में दाखिल याचिकाओं का निपटारा कर दिया है. इसका मतलब यह है कि कोर्ट इस मामले में जांच की निगरानी नहीं करेगा. इस मामले में SIT की जांच रिपोर्ट भी कोर्ट नहीं आएगी. कोर्ट ने जांच के लिए कोई समय-सीमा भी नहीं तय की है. इसका मतलब है कि  SIT स्वतंत्र जांच करेगी. अगर भविष्य में इस जांच को लेकर किसी को आपत्ति होती है तो वो फिर से कोर्ट का रुख कर सकता है.

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