
आपने कई लोगों को तांबे के लोटे या ग्लास में पानी पीते देखा होगा, खासकर हमारे बड़े बुजुर्ग अक्सर इस मेटल के पॉट में पानी रखने की सलाह देते हैं. भारतीय परंपरा में तांबे के बर्तन का काफी महत्व है, सदियों से लोग इसके जरिए जल ग्रहण करते आ रहे हैं, हालांकि बदलते वक्त के साथ इसका चलन भी कम होते गया और आज ज्यादातर लोग स्टील, प्लास्टिक और शीशे के ग्लास में पानी पी रहे हैं. आपने भी कई बार सुना होगा कि तांबे के बर्तन में पानी पीने से सेहत को कई तरह के लाभ होते हैं, अब ये बात कितनी सच है आइए जानने की कोशिश करते हैं.
तांबे के बर्तन में पानी पीने से क्या होगा?
कई हेल्थ एक्सपर्ट इस बात की सलाह देते हैं कि तांबे के बर्तन में पानी स्टोर करके रख देना चाहिए और बाद में पीने से इसके फायदे होंगे. हेल्थलाइन की रिपोर्ट को मानें तो कॉपर एक अहम पोषक तत्व है जो हमारे शरीर के लिए काफी अहम माना जाता है जो अलग-अलग बॉडी फंक्शन में मदद करता है.
बैक्टीरिया का दुश्मन है ये मेटल
ये मेटल दिल और ब्रेन की सेहत को बेहतर रखने में मदद करता है. कॉपर के बर्तन में एंटी-बैक्टीरियल तत्व होते हैं. जब आप इस मेटल के बर्तन में 48 घंटे से ज्यादा वक्त तक पानी स्टोर करके रखते हैं तो शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले बैक्टीरियाज का खात्मा हो जाता है.
डाइजेशन होगा दुरुस्त
कॉपर के बर्तन में रखे पानी पीने से हमारा डाइजेस्टिव सिस्टम बेहतर हो जाता है, इसके अलावा इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमताओं को बढ़ाने में मदद करती है. आपने कई बार सुना होगा कि अल्कलाइन वॉटर सेहत के लिए अच्छा होता है, अगर आप तांबे के ग्लास में पानी पिएंगे तो आपका ये मकसद पूरा हो जाएगा, साथ ही शरीर को ठंडक मिलेगी.जब हम कोई भोजन खाते हैं जो इस पचाने की वजह से शरीर से टॉक्सिंस और हीट निकलते हैं, तांबे का अल्कलाइन वॉटर बॉडी के एसिड को बैलेंस करता है. खासकर गर्मी के मौसम में इस मेटल में रखा पानी जरूर पीना चाहिए.
खाली पेट पिएं तांबे के बर्तन वाला पानी
वैसे आप तांबे के बर्तन वाला पानी कभी भी जरूरत के हिसाब से पी सकते हैं, लेकिन अगर आप सुबह खाली पेट तांबे के जल का सेवन करेंगे तो बॉडी को मैक्सिमम बेनेफिट मिलेगा. हालांकि इस बात का ख्याल रखें कि कॉपर एक ट्रेस मिनरल है जिसकी जरूरत शरीर को काफी कम क्वांटिटी में होती है. अगर आप हद से ज्यादा इस पानी का सेवन करेंगे तो बॉडी में कॉपर टॉक्सिसिटी बढ़ सकती है, जिसके कारण पेट दर्द, डायरिया या उल्टी की परेशानी हो सकती है.