थायरॉइड को कंट्रोल करने में मददगार हैं ये सुपरफूड्स, आज से ही डाइट में करें शामिल

आजकल दुनिया में थायराइड के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। ये बीमारी शरीर का वजन बढ़ने और हार्मोंस में गड़बड़ी होने की वजह से होती है। थायराइड की समस्या गर्दन के अंदर से पता चलती है। इसमें गले के अंदर कॉलरबोन में तितली के आकार की एक ग्रंथि होती है। इसे एक तरह से एंडोक्राइन ग्रंथि भी कहा जाता है। एंडोक्राइन ग्रंथि से हार्मोन्स बनते हैं।

थायराइड की दिक्कत महिलाओं में सबसे ज्यादा पाई जाती है। थायरॉइड की बीमारी दो तरह की होती है- हाइपरथायरॉइडिज्म और हाइपोथायरॉइड। अक्सर लोगों को थायराइड हो जाती है और उनको पता भी नहीं चल पाता है। आइए जानते हैं थायराइड से बचने के उपाय और उसके शुरुआती लक्षण।

ऐसे होते हैं थायराइड के लक्षण

थायराइड में आपके हाथ पैरों का कांपना, बहुत ज्यादा पसीना आना, घबराहट और चिड़चिड़ापन, बालों का झड़ना और पतला होना, मांसपेशियों में दर्द और कमजोरी रहना, दिल की धड़कनें तेज होना, नींद में कमी आना, भूख ज्यादा लगना, वजन कम होना और महिलाओं के पीरियड्स में अनियमितता आदि जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।

थायरॉइड में खाएं ऐसे सुपरफूड 

आंवला

आंवला में विटामिन सी की मात्रा अधिक पाई जाती है। यह सेहत के लिए फायदेमंद होता है। इसे खाने से शरीर की इम्यूनिटी बढ़ती है। इसको खाने से बालों का झड़ना, कमजोर होना, आदि समस्याएं खत्म हो जाती हैं और बाल काले व घने होते हैं। आंवले को खाने से ब्लड सर्कुलेशन अच्छा होता है।

नारियल

थायरॉइड के मरीजों को नारियल का इस्तेमाल करना चाहिए। आप कच्चे नारियल और नारियल के तेल इन दोनों का उपयोग कर सकतीं हैं। थायरॉइड में नारियल बहुत फायदा करता है। नारियल से मेटाबॉलिज्म अच्छा होता है।

डेयरी प्रोडक्ट्स

थायराइड की बीमारी में दही, दूध, पनीर आदि के साथ दूसरे डेयरी प्रोडक्ट्स का उपयोग करना चाहिए। इन चीजों में कैल्शियम, विटामिन, मिनरल्स तथा दूसरे पोषक तत्व पाए जाते हैं।

मुलेठी

मुलेठी में कई सारे पोषक तत्व एक साथ पाए जाते हैं। मुलेठी थायराइड ग्रंथि को संतुलित करने में सहायता करती है। इससे थकान, कमजोरी आदि जैसी समस्याएं नहीं होती है।

सोया

थायराइड के मरीज के लिए सोयाबीन बहुत फायदेमंद होती है। थायराइड की बीमारी में सोयाबीन से बनी चीजें खानी चाहिए। आप खाने में सोयाबीन, टोफू और सोया मिल्क आदि चीजें बना सकते हैं। इन चीजों से हार्मोन बैलेंस रहते हैं। लेकिन सोयाबीन के साथ-साथ आयोडीन की मात्रा को भी नियंत्रित रखना चाहिए।

आयोडीन

थायराइड हो जाने पर आयोडीन का सेवन करना चाहिए। खाने में आयोडीन को मिला कर ही खाएं।

जिससे थायराइड ग्रंथि पर दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है।

डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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