पानी की बोतल पर लाखों जानलेवा बैक्‍टीरिया गंभीर बीमारियों को देते हैं बुलावा, रिपोर्ट पढ़कर हो जाएंगे हैरान

कोविड के बाद से हम सभी साफ-सफाई को लेकर अधिक जागरुक हो गए हैं। फिर चाहे बात बार-बार हाथ साफ करने की हो या बाहर से आए फल, सब्जी और खाने आदि की हो। इनको सैनेटाइज करने के बाद ही उपयोग में लाया जाता है। बेशक कोरोना महामारी के बाद शुरू हुई हमारी यह आदत हमें खतरनाक बैक्टीरिया और वायरस से बचाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके बाद भी आप सेफ नहीं है।

एक रिसर्च के अनुसार, बार-बार इस्तेमाल की जाने वाली पानी की बोतल में एक टॉयलेट सीट से अधिक गंदगी होती है। पानी की बोतल में टॉयलेट सीट के मुकाबले 40 हजार गुना ज्यादा बैक्‍टीरिया पाए जाते हैं। यह बैक्टीरिया सीधे आपकी सेहत पर वार करते हैं। बता दें कि यह बैक्टीरिया हिडेन होते हैं। जो दिखाई नहीं देते। लेकिन यह हमारी सेहत पर गहरा असर छोड़ जाते हैं। जिसके कारण कई बार हम भयंकर तरीके से बीमार हो जाते हैं।

अमेरिका की वॉटर प्‍यूरीफायर और ट्रीटमेंट पर काम करने वाली कंपनी वॉटरफिल्टरगुरू.कॉम के अनुसार, दोबार उपयोग में लाई जाने वाली पानी की बोतल के सभी पार्ट्स का तीन बार निरीक्षण यानी कि टेस्ट किया गया। इस टेस्ट में पाया गया कि पानी की बोतल में ग्राम निगेटिव रॉड और बैसिलस बैक्‍टीरिया होते हैं। यह बैक्टीरिया सूक्ष्म होने के कारण हमें आसानी से नजर नहीं आते हैं। इन्ही बैक्टीरिया के कारण गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्‍याओं का कारण बनते हैं।

ग्राम नेगेटिव बैक्टीरिया निमोनिया और सर्जिकल साइट इंफेक्‍शन का मुख्‍य कारण होते हैं। यह बैक्टीरिया ग्राम पॉजीटिव बैक्‍टीरिया की अपेक्षा अधिक खतरनाक होते हैं। इनके जरिए कई तरह के इंफेक्शन बढ़ने की संभावना होती है। बता दें कि यह बैक्टीरिया इतना ज्यादा खतरनाक होते हैं कि यह एंटीबायोटिक के असर को भी आसानी से खत्‍म कर सकते हैं। यह बैक्टीरिया पेट से जुड़ी समस्याओं के लिए भी जिम्मेदार होते हैं। इनके कारण ही पेट दर्द, इंफेक्शन और फूड पॉइजनिंग आदि की समस्याएं हो सकती हैं।

पानी की बोतल के अलावा भी यह बैक्टीरिया लैपटॉप, रिमोट, मोबाइल, सिंक और टीवी आदि पर भी पाए जाते हैं। जब पानी की बोतल से तुलना अन्य घरेलू चीजों से की तो इसका रिजल्ट काफी चौकाने वाला रहा। पानी की बोतल से दोगुना बैक्टीरिया सिंक, कंप्यूटर माउस से 4 गुना और पालतू पेट्स के पीने के कटोरे से 14 गुना ज्यादा बैक्टीरिया निकले। इसलिए इन चीजों को छूने के बाद हाथों को अच्छे से धोना चाहिए।

इस रिसर्च के सामने आने के बाद एक्सपर्ट्स ने सलाह दी है कि पानी की बोतल को कम से कम एक बार साबुन की मदद से अच्छे से धोना चाहिए। खासतौर पर बीमारी के समय या मुंह लगाकर पानी पीने के दौरान इनकी साफ-सफाई का अधिक ध्यान रखना चाहिए।

खतरनाक बैक्टीरिया से बचने के लिए प्लास्टिक की बोतल की जगह कांच की बोतल का उपयोग करें।

बैक्टीरिया को खत्म करने के कम से कम 20 मिनट तक पानी को उबालें और इसके बाद पीने में इस्तेमाल करें।

बोतल से गंध आने पर या पानी ताजा न लगने पर इसे बार-बार धोएं।

पानी को स्वच्छ रखने के लिए फ्रीजिंग टैबलेट का इस्‍तेमाल करें।

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