भावनानी के व्यंग्यात्मक भाव-अभी भी बिंदास गुलाबी लेता हूं

लेखक चिंतक कवि एडवोकेट किशन सनमुख़दास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र
जांबाज़ी और ज़ज्बा दिखाकर बहुत
दिलेरी से काम करता हूं
ऊपर से ढीली कार्यवाही का भरोसा पाता हूं
अभी भी बिंदास गुलाबी लेता हूं
पकड़े जाने पर कुछ नहीं होगा
ऐसी उम्मीद ऊपर से पाया हूं
निलंबित होकर शीघ्र वापस आने भरोसा पाया हूं
अभी भी बिंदास गुलाबी लेता हूं
प्रक्रिया बहुत लंबी है यह मैं जानता हूं
कानूनी बारीकियों को मैं पहचानता हूं
मेरे साथ सब मिलीभगत हैं यह भी जानता हूं
अभी भी बिंदास गुलाबी लेता हूं
हमाम में सब लोग वो हैं यह जानता हूं
इस क्षेत्र में सब एक जैसे हैं पहचानता हूं
सबकी पोल के तार मेरे से जुड़े हैं जानता हूं
अभी भी बिंदास गुलाबी लेता हूं
प्रक्रिया में उम्र बीत जाएगी यह मैं जानता हूं
हम सब आपस में है यह पहचानता हूं
गुलाबी की लंबी पहुंच है जानता हूं
अभी भी बिंदास गुलाबी लेता हूं

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Breaking News
बिहार में AIMIM ने उतारे 25 उम्मीदवार, ओवैसी के दांव से बढ़ेगी महागठबंधन की टेंशन? | पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर थमा खून-खराबा, कतर-तुर्की की मध्यस्थता से युद्धविराम | 26 लाख से अधिक दीयों से जगमग हुई रामनगरी, दुल्हन की तरह सजी अयोध्या; CM योगी ने खुद लिया दो वर्ल्‍ड रिकॉर्ड का सर्टिफिकेट | 'कांग्रेस ने कोर्ट में कहा था श्रीराम काल्पनिक हैं', अयोध्या में दीपोत्सव के अवसर पर CM योगी की दो टूक; बोले- बाबर की कब्र पर सजदा करते हैं ये लोग
Advertisement ×