
उत्तर प्रदेश के मैनपुरी से एक बेहद आश्चर्यचकित कर देने वाला नजारा देखने को मिला जब एक लड़की की मौत हो जाने पर अस्पताल ने इलाज के दौरान उसके शव को परिजन की बाइक पर रख दिया. इसके बाद जब उस लड़की की डेडबॉडी की तस्वीरें वायरल हुईं तो हड़कंप मच गया है. आरोप है कि लड़की की मौत गलत इंजेक्शन लगाने के चलते हुई है. इसके बाद अस्पताल के स्टाफ ने उसके शव को अस्पताल क बाहर बाइक पर रखवा दिया. यह घटना तब हुई थी जब जिले के घिरोर के रहने वाले गिरीश की 17 साल की बेटी को तबीयत खराब होने के बाद करहल रोड स्थित राधा स्वामी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था.
वीडियो में किसी की आवाज सुनाई देती है कि ‘‘तुमने पेशेंट को बाहर निकालकर डाल दिया’’. वीडियो में किसी को यह भी कहते सुना जा सकता है कि ‘‘रुको वीडियो बनाते हैं’’. इसके बाद वीडियो में एक महिला छात्रा को पकड़कर फफक फफक कर रोती हुई और ‘‘लल्ली-लल्ली’’ (बेटी-बेटी) कहते सुनी जा सकती है. 58 सेकेंड के इस वीडियो के आखिरी दृश्य में महिला के साथ एक पुरुष भी छात्रा के शव को बाइक से उतारते दिख रहा है.
इसके बाद अस्पताल प्रशासन को नोटिस जारी करते हुए उक्त अस्पताल में भर्ती अन्य मरीजों को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, घिरोर में भर्ती करा दिया गया है एवं अस्पताल का लाइसेंस निलम्बित करते हुए मामले की विस्तृत जांच के लिए अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (एसीएमओ) की अध्यक्षता में दो सदस्यीय समिति गठित कर दी गयी है. उन्होंने कहा, ‘‘मामले में मुख्य चिकित्साधिकारी से एक सप्ताह के अन्दर रिपोर्ट मांगी गयी है. अस्पताल का पंजीकरण रद्द करते हुए प्राथमिकी दर्ज कराये जाने की भी कार्रवाई की जायेगी.
उधर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के आदेश पर राधा स्वामी अस्पताल को ‘सील’ कर दिया गया है और उसका पंजीकरण भी रद्द कर दिया गया है. पाठक ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर लिखा कि राधा स्वामी अस्पताल, मैनपुरी में शव को बाइक पर रखने संबंधी मामले के संज्ञान में आते ही मुख्य चिकित्साधिकारी, मैनपुरी को इस संबंध में तत्काल कठोर कार्रवाई किये जाने के आदेश दिये गये हैं. इस संबंध में नोडल अधिकारी की प्राथमिक जांच की रिपोर्ट के क्रम में करहल रोड पर स्थित उक्त राधास्वामी अस्पताल को सील कर दिया गया है.
यह भी बताया गया कि अस्पताल प्रशासन को नोटिस जारी करते हुए उक्त अस्पताल में भर्ती अन्य मरीजों को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, घिरोर में भर्ती करा दिया गया है एवं अस्पताल का लाइसेंस निलम्बित करते हुए मामले की विस्तृत जांच के लिए अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (एसीएमओ) की अध्यक्षता में दो सदस्यीय समिति गठित कर दी गयी है. मामले में मुख्य चिकित्साधिकारी से एक सप्ताह के अन्दर रिपोर्ट मांगी गयी है. अस्पताल का पंजीकरण रद्द करते हुए प्राथमिकी दर्ज कराये जाने की भी कार्रवाई की जाएगी.