व्यंग्य –  जेड प्लस सुरक्षा की चाह में सोशल मीडिया का नया घोषणा पत्र हुआ जारी..!

पंकज कुमार मिश्रा, मीडिया कॉलमिस्ट शिक्षक एवं पत्रकार  जौनपुर यूपी
ये सोशल मीडिया और अफवाह आजकल एक दूसरे की पैरोडी बनी हुई है । दो दिन से फेसबुक के नए नियम’ वाली पोस्ट्स ने धुआं उड़ा रखी है । सबके घोषणा पत्र पर पढ़कर मेरी तो हंसी नहीं रुक रही। और ये घोषणेबाज वो लोग है जिन्होंने डर के मारे कभी अपने पड़ोसियों से ये तक नही कहा होगा की जरा बाजू हटिए हवा आने दीजिए वो आज घोषणा कर कर के जुकरु को डराने चले है । अरे नादानों क्या एक पोस्ट लिखने से तुम्हारे फोटो, कंटेंट सेफ़ हो जाएंगे क्या ! जिस भी प्लेटफॉर्म से जुड़े हो उसकी शर्तों पर ही जुड़े हो वो प्लेटफॉर्म आपके कंटेंट, फोटो, जानकारियों का कुछ भी कर सकता है, अगर डर है तो प्लेटफॉर्म छोड़ देना चाहिए था । आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के ज़माने में प्राइवेसी की गारंटी की उम्मीद नासमझी है और कुछ नहीं। किसी और ने पोस्ट डाली है, हम भी टीप कर डाल दें, ये भेड़चाल है, इसीलिए जस्टिस मार्कंडेय काटजू भारतीयों में 90 फीसदी को ‘कैटल क्लास’ बताते हैं , कोई भी हांक कर कहीं भी ले जा सकता है । इसी कमजोरी का फायदा उठा रहे दिलीप मंडल, साक्षी जोशी ,अजीत अंजुम और रवीश कुमार जैसे लोग जो बुद्धिमंद लोगो की बुद्धि का हरण कर अपनी दुकान चला रहे । कहते है ना दावों पर ना जाओ, अपनी अक़्ल भी लगाओ । याद रखें आपकी अक्ल घास चरने चली गयी है क्युकी आपको ये याद रखने के लिए बोला गया और आपने याद करके फेसबुक को कहा याद रखे कल से नया फेसबुक नियम ( उर्फ़ नया नाम मेटा ) शुरू हो रहा है आदि आदि आदि आदि और अंत में खिसे निपोर दिए । कल से भाई लोग फेसबुक पर उक्त घोषणा को चेपे जा रहे हैं जो घोषणा उन्होंने खुद नहीं लिखी ,अपना दिमाग नहीं लगाया ।कहीं से सही जानकारी नहीं ली । बस फेसबुक या व्हाट्स एप /मेसेंजर पर पढ़ी ( कईयों ने तो पूरी पढ़ी भी न होगी ) और कट पेस्ट कापी पद्धति का भक्तिभाव एवं पूर्ण निष्ठा से पालन करते हुए चेप दी जिसमें हम माहिर है ।
          नए भेड़चाल घोषणा में लिखा है कि फेसबुक आपकी तस्वीरों का उपयोग कर सकता है , यह निजता का उल्लंघन है , सख्त वर्जित है ,इसके लिए कानूनी कार्यवाही की जा सकती है । तो भाई चेपूराम / बहिन चेपूरानी , तुम्हारी फोटो कोई हीरे जवाहरात तो है नहीं , जो किसी और के हाथ लग गए तो तुम लुट जाओगे । ऐसा करो ,अपनी फोटुओं की हार्ड कापी निकालो और कबाड़ी को बेचने की कोशिश करो ,पता लग जायेगा कि किस काम की हैं, बात करते हो ,
निजता की बात कर रहे हो , निजता तो तभी खत्म हो गयी थी जब बड़े शौक से पोज बना कर ( एडिट –फिल्टर कर ) उसे सोशल मीडिया पर चेपा था और जब कोई उस फोटो पर कमेन्ट करता है या उसे लाइक करता है तो खुश क्यों होते हो ? तुरंत बोलो उसको कि ये फोटो निजी है । निजता का इतना ही शौक था तो फोटो अपनी अल्बम में रखनी थी , और चुपके से रजाई ओढ़ कर देखनी थी । सोशल मीडिया पर क्यों चेपी ? ऐसा करो कि सबको ब्लाक कर दो फिर अपनी पोस्ट /फोटो खुद ही देखना । आजकल के एआई युग में सोशल मीडिया से जेड डबल प्लस सिक्युरिटी की अपेक्षा कर रहे सर तो आग लगे ऐसी निजता को । जो जानकारी या पोस्ट तुमने लिखी है ,वो किसी के हाथ पड़ भी जाय तो क्या ? लाखों  लोग रोज करोड़ों किस्म की पोस्ट करते हैं ,या फोटो डालते हैं । किस को समय है कि अलग से तुम्हारी फोटो /पोस्ट का प्रयोग करे   जहाँ तक तुम्हारे द्वारा  दी गयी जानकारी का सवाल है तो तुम्हारे अपने निजी बीबी पति बच्चे तक उस जानकारी को बुढऊ/बुढ़िया के फ़ालतू दिमाग का फितूर समझते हैं ।उन्होंने आज तक इस जानकारी से उचित दूरी बनाए रखने में ही भलाई समझी है ।तो दूसरा किस को परवाह है तुम्हारी जानकारी की ? खुद को तीसमारखां या तुर्रमखां समझते हो क्या ? जो तुम्हे लगता है कि तुम्हारी जानकारी अनमोल है । और ये जो कानूनी कार्यवाही की कोरी धमकी दे रहे हो ,उसे तो रहने ही दो ,हंसी आती है   जिन्दगी भर डर डर कर नौकरी करने वाले फ़ालतू पंगे नहीं लिया करते जानी । जानते नहीं कि मुक़दमे बाजी –पुलिस कचहरी कितने खर्चे का काम है ? वकील की फीस देते देते थक जाओगे । और सबसे मजे की बात तो यह है कि ऐसे घोषणा ऐसे लोग भी कर रहे हैं जो प्रगतिशील वैज्ञानिक दृष्टि होने का तमगा गले में लटकाए घूमते रहते हैं ,और अंधविश्वासियों को भक्त कह कर मजाक उड़ाते हैं ।तुम खुद आला दर्जे कम्भक्त हो । अंधविश्वास सिर्फ धार्मिक-राजनीतिक  मान्यताओं के ही नहीं होते । अंधविश्वास इस तरह की अनापशनाप पोस्ट को सत्य समझ कर चेपने वालों के भी होते हैं । और तो और , मास्टर लोग भी यह घोषणा चेपे जा रहे हैं ,कल को यही लोग बच्चों से कहेंगे – बेटा नक़ल करना बुरी बात है ।तो खुद क्यों नक़ल चेप रहे हो जी ? शक्ल टिंडे जैसी अक्ल जले हुए बैंगन जैसी और तुर्रा ये कि मेरी फोटो –मेरे ज्ञान का कोई और उपयोग कर लेगा आज तक अपने ज्ञान का उपयोग  खुद तो किया नहीं ,तो बाकी कोई क्यों करेगा ? हद होती है  यार मजाक की भी । गुस्सा तो खैर बहुत आ रिया है ,पर क्या करूँ ? गुस्सा मेरा निजी मामला है ,इसे सार्वजनिक करना उचित नहीं ..क्या पता फिर किसी भक्त / कम्भक्त को लग जाय और मेरी शिकायत हो जाय और चूँकि आप लोग भी मेरे निजी मित्र ही हो अतः प्यार से लिख रिया हूँ कि हे अक्लेश्वर /अक्लेश्वरी अपनी  अक्ल लगाओ अंट शंट संदेशों पर मत जाओ तुम जुकरु का कुछ नही उखाड़ पाओगे और हां उल्टे जो सोशल मीडिया पर  प्यार स्यार का चक्कर चला रखे या रखी हो वो  भी निजी मामला के अंतर्गत नहीं । नोट – लेखक वरिष्ठ प्रचंड फेसबुकिये हैं और भक्त/अभक्त/कम्भक्त  छाप फेसबुकियों से त्रस्त रहने का शौक फरमाते हैं !  उक्त पोस्ट के बाद आपके पास वाले अखरोट का पेड़ मेरा नहीं है ,पर इस पर लगने वाले अखरोट मेरे निजी  अखरोट हैं ! अब दुनिया का कोई फेसबुकिया इस जानकारी का प्रयोग कर के दिखाए  तो सही ।

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