
# घण्टाघर व टाटमील चौराहे पर बना रहता है जाम
# मार्ग व्यवस्था के लिए काल बने शहर में दौड रहे ई-रिक्शा
कानपुर नगर, कानपुर की वर्तमान में सबसे बडी समस्या जाम की है। यहां मार्ग व्यवस्था में ई-रिक्शा जहां काल साबित होते जा रहे है तो वहीं टैक्सी, ऑटों वाले भी बेतरतीब अपने वाहन खडे करके सवारियां भरते है। हर मुख्य चौराहो पर ईरिक्शा की धमाचौकडी सबके सामने है।ऐसा नही इनपर लगाम नही लगाया जा सकता लेकिन पुलिस इन सवारी वाहनों से वसूली करती है। आलम यह है कि आज कानपुर की मुख्य सडके और चौराहो पर लगातार जाम की स्थिति बनी रहती है। घंटाघर, टाटमील, जरीब चौकी, जीटी रोड, मूलगंज चौराहा पर लगातार जाम लगा रहता है।
शहर की यातायात व्यवस्था लगातार चरमराती जा रही है। रोजाना शहर की मुख्य सडको ंव चौराहो पर जाम लगता है। जहां ईरिक्शा बेखौफ होकर कहीं भी अपने वाहन खडे करते है, सवारियां भरते है तो इसी प्रकार ऑटो- टैंपो तथा रोडवेज बसों की भी जमकर अराजकता आम लोगों को भुगतनी पडती है। शहर के घंटाघर तथा टाटमील पर सारादिन जाम की स्थिति बनी रहती है। सुबह और शाम को टाटमील चौराहा पार करना मील का पत्थर ही साबित होता है। किदवई नगर, झकरकटी बंस स्टेड, नौबस्ता, रामादेवी जाने वाले लोगों को इन चौराहो को पार करने में काफी मशक्कत करनी पडती हैं। यातायात व्यवस्था के लिए नयेपुल के साथ ही सामानान्त पुल भी बनाया गया लेकिन व्यवस्था मे कोई सुधार नही हुआ। पूर्व में यातायात व्यवस्था ठीक करने के लिए स्टेयरिंग कमेटी की बैठक में कुछ चौराहो को चिन्हित किया गया था, लेकिन अभी तक कोई नतीजा सामने नही आया है। यहीं स्थिति रामादेवी चौराहे की है जहां ऑटो टैम्पो और ईरिक्शा वालो की अराजकता सडक पर दिखाई देती है। पुलिस की वसूली के कारण यह पूरा चौराहा घेरकर खडे रहते है और पुलिसकर्मी मूक बने खडे रहते है। इतना ही नही बाइपास रोड पर रामदेवी से गोविन्दनगर बाईपास तक उल्टी दिशा में ईरिक्शा को चलते देखा जा सकता है लेकिन शहर की पुलिस को यह नही दिखाई देता। हर बार बाते तो बडी-बडी की जाती है लेकिन कार्यवाही के नाम पर कुछ नही होता है।
सवारी वाहन ही नही अतिक्रमण भी है जाम का बडा कारण घंटाघर चौराहा शहर के सबसे व्यस्त चौराहो में एक है। यहां 8 रोड आकर मिलती है, जिसमें मूलगंज से, नयागंज से, एक्सप्रेस रोड, केनाल रोड, मोती मोहाल रोड, स्टेशनरोड, टाटमील रोड, नेहरू अस्पताल रोड है। यह पूरो क्षेत्र व्यवसायिक होने कारण यहां चारो तरफ का व्यापारी भी आता है और सडक पर हर प्रकार के वाहन चलते है जिसमें एक साइकिल से ठेलागाडी, लोडर आदि बडी गाडिया है। घंटाघर चौराहे के चारों तरफ भीषण अतिक्रमण है जहां छोटे छोटे होलट बने है तो वहीं भोजनालय के कारण सडकों पर वाहन खडे रहे है इसके साथ ही चौराहे की सभी सडकों पर लगी दुकानो के कारण संडक संकुचित हो रही है। टाटमिल जाने वाली सडक सकरी है लेकिन उसके रेलवे गोदाम वाली तरफ भी अतिक्रमण हो चुका है। मुख्य कारण यह है कि शहर में चौराहा कोई भी हो, अधिकारी चाहे जितनी योजना बना ले लेकिन हकीकत यही है कि उनके ही महकमें के पुलिसकर्मी चौराहो पर वूसली करते है और ईरिक्शा, टैम्पो, ऑटो तथा अतिक्रमण कारियों से दैनिक, साप्ताहिक, और माहवारी के रूप में खासा पैसा लेते है।