
देशभर में हार्ट अटैक के मामलों में तेजी से वृद्धि देखी जा रही है, जिसे कैंसर की तरह माना जा रहा है. लोग अब कम उम्र में ही दिल की बीमारियों से ग्रस्त हो रहे हैं और इससे सडन कार्डियक अरेस्ट से मौत का खतरा बढ़ जाता है. इस बारे में लेटेस्ट रिसर्च करते हुए एक स्टडी में बताया गया है कि सोने की कमी से दिल की बीमारी का खतरा तीन गुना बढ़ जाता है. यह स्टडी नींद की मात्रा और कार्डियोवैस्कुलर डिजीज के खतरे के बीच एक लिंक बताती है, जो लोगों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है.
जर्नल ऑफ एक्सपेरिमेंटल में प्रकाशित ये रिसर्च ने बताया है कि कम नींद लेना दिल की बीमारी जैसी कार्डियोवैस्कुलर डिजीज के खतरे को तीन गुणा बढ़ा देता है. इस रिसर्च में यह भी बताया गया है कि जब इंसान 7 से कम घंटे की नींद लेता है तो उनकी बॉडी में एंडोथेलियल सेल्स की एक्टिविटी कम हो जाती है, जो हार्ट की आर्टरीज का फैलाव कम करने के लिए जिम्मेदार होती हैं, इससे हमारी सेहत पर असर पड़ता है. इस रिसर्च में बताया गया है कि दिल की बीमारी से पीड़ित लोगों में नींद की कमी के लक्षण देखे गए हैं जो उनके लिए ज्यादा खतरनाक हो सकता है.
आमतौर पर, एक वयस्क के लिए 7-9 घंटे की नींद जरूरी होती है. बच्चों और युवा लोगों के लिए इससे अधिक नींद आवश्यक होती है. नींद लेने से हमारे शरीर को विश्राम मिलता है जो हमें स्वस्थ और तंदुरुस्त रखता है. इसके अलावा, नींद मेमोरी को बूस्ट करता है, विचार क्षमता को बढ़ावा देती है और उत्तेजना को कम करती है. नींद की कमी दर्द, थकान, दिमागी तनाव, दिल की बीमारियों जैसी बीमारियों से जुड़ी समस्याओं का कारण बन सकती है.