
पंकज कुमार मिश्रा मीडिया पैनलिस्ट शिक्षक एवं पत्रकार केराकत जौनपुर
आइपीएल देश में सट्टेबाजी का बेहतरीन हब है । अब भारत में यह आयोजन खेल के लिए कम सट्टेबाजी और जुए के लिए ज्यादा पहचाना जाता है । आजकल के निठल्ले युवा इस आयोजन का पूरे साल भर इंतजार करते है की कब यह खेल शुरू हो और वो अपने मां बाप की गाढ़ी कमाई ड्रीम इलेवन और वन टू थ्री पर लगा सके । आश्चर्य की बात तो यह है की सरकार भी इन जुए खिलाने वाले कंपनियों को मान्यता दी हुई है आखिर राजस्व का मामला जो है । खैर इंडियन प्रीमियर लीग 2023 का आगाज हो चुका है । जिसकेपहले ही मैच ने बता दिया कि आइपीएल एक पूरी तरह फ्रैंचाइजी लीग है और अंतरराष्ट्रीय नियमों की इसमें सरेआम धज्जियां उड़ाई जाती है। या तो कहें फ्रैंचाइजी लीग में सब कुछ फ्रैंचाइजी के पैसों को तोल-मोल कर ही सब किया जाता है। इस बार आइपीएल में तीन नए नियम लागू किए गए। पहला दोनों कप्तान टाॅस के बाद भी प्लेइंग इलेवन में बदलाव कर सकते हैं। अब दिलचस्प यह है की जब टाॅस होता है उसी वक्त दोनों कप्तान एक-दूसरे को प्लेइंग इलेवन का कागज सौंपते है। अब यह कागज प्लेइंग इलेवन के नाम पर दोनों कप्तानों के रणनीति के हिसाब से किसी काम का नहीं। क्योंकि कोई भी कप्तान टाॅस के बाद जाकर उस ग्यारह में बदलाव कर सकता है। ये नया नियम किस रोमांच को आइपीएल में बरकरार रखने के लिए लाया गया समझ से परे है। दूसरा नया नियम है इंपैक्ट प्लेयर का जो आज देखने मिला। गुजरात ने विलियमसन के इंजर्ड होने पर साईं सुदर्शन को उतार दिया। हालांकि वो विलियमसन जैसा इंपैक्ट अपने खेल में नहीं दिखा पाए। वहीं चैन्नई के लिए धोनी ने इस नियम में चालाकी दिखाकर इसका फायदा उठा लिया। चैन्नई ने बल्लेबाजी तो अंबानी रायडू से करवा ली। लेकिन गेंदबाजी के वक्त रायडू को हटाकर तूषार देशपांडे को बतौर इंपैक्ट प्लेयर शामिल कर लिया। यह बात अलग है की आज चैन्नई दरअसल तूषार देशपांडे के कारण ही हारी। इस इंपैक्ट ने ३.२ ओवर में ५१ रन लूटाए। कुल मिलाकर धोनी ने रायडू से बल्लेबाजी भी करवा ली और अपने पास गेंदबाज कम होने पर तूषार देशपांडे को उतारकर उससे गेंदबाज की कमी पूरी कर ली। इसको इंपैक्ट प्लेयर नहीं “जुगाड़ू प्लेयर” कहें तो ज्यादा बेहतर रहेगा। तीसरा नियम रहा नो बाॅल और वाइड बाॅल पर डीआरएस का। दरअसल अब अंपायरों के प्रति विश्वसनीयता क्रिकेट में खत्म हो चूकी है। और अब तो कई बार डीआरएस में निर्णय के बाद भी थर्ड अंपायर गालियां खाता है। इसलिए वाइड पर बल्लेबाज जब डीआरएस के लिए जा रहा है तब अंपायरों का महत्व क्रिकेट में चौके के लिए हाथ घूमाने और छक्के के लिए दोनों हाथ उठाने से ज्यादा कुछ नहीं रह जाता है। खैर फ्रैंचाइजी लीग है। जिसका उद्देश्य ही मनोरंजक क्रिकेट है। लेकिन क्रिकेट के नियमों से इतनी भी छेड़छाड़ ना की जाय की यह छेड़छाड़ करने पर पड़ने वाली चप्पल कि तरह साबित हो। खैर आइपीएल का बतौर क्रिकेट रोमांच तो जस का तस है। ऋतुराज गायकवाड़, शुभमन गिल की बल्लेबाजी ने और दीपक चहर के उन्नीसवे ओवर में राशीद खान ने जिस तरह पहले छक्के और फिर चौके की जो चमाट लगाई, उसको देखकर मजा आ गया। आइपीएल तो आइपीएल है, इसमें भला रोमांच कैसे कम होंगा।
आईपीएल 2023 में पहले मैच के पहली पारी के 20वें ओवर में 53 छक्के लगाने वाले धोनी इकलौते बल्लेबाज बन गए। इसी के साथ महेंद्र सिंह धोनी ने चेन्नई सुपर किंग्स के लिए आईपीएल में 200 छक्के भी पूरे कर लिए। आज तक उनसे पहले कोई खिलाड़ी ऐसा नहीं कर सका। 31 मार्च की रात यादगार हो गई। क्रिकेट इतिहास के सबसे बड़े फिनिशर ने फिर एक दफा साबित कर दिया कि उससे बेहतर पारी को दूसरा कोई खत्म नहीं कर सकता अगर पैसे कमाने का जुनून हो तो । 7 गेंद पर 200 की स्ट्राइक रेट से 1 छक्का और 1 चौका। कुल रन 14, जिसमें अंतिम 4 गेंदों पर 11 रन। माही मार रहा था। रवींद्र जडेजा बहुत बड़े खिलाड़ी हैं, लेकिन पहली बार 18वें ओवर में उनके आउट होने पर दुख नहीं हुआ। हालांकि दिल चाह रहा था कि शिवम दुबे आउट हो जाएं क्योंकि उनके बल्ले पर गेंद बिल्कुल नहीं आ रही थी। इधर जडेजा बाहर गए और माही अंदर आ गए। अल्जारी जोसेफ की पहली गेंद पर सिंगल लेकर महेंद्र सिंह धोनी ने अपना खाता खोल लिया। जिस वक्त धोनी बल्लेबाजी कर रहे थे, जिओ सिनेमा के स्क्रीन पर डेढ़ करोड़ लोग नजरें टिकाए थे। पूरे मुकाबले में पहली दफा ऐसा हुआ जब एक करोड़ से ज्यादा लोग एक साथ पहला मैच देख रहे थे। जानते हैं, महेंद्र सिंह धोनी आईपीएल के इतिहास में पहली बार आठवें नंबर पर बल्लेबाजी करने के लिए आए। दरअसल थाला जानते थे कि वह इंटरनेशनल क्रिकेट नहीं खेल रहे। माही ने पूरी जिंदगी निस्वार्थ क्रिकेट खेला। 41 की उम्र में भी वह दूसरों को मौका देने में ज्यादा विश्वास करते हैं। ऐसे में तमाम बल्लेबाजों को उन्होंने खुद से ऊपर बैटिंग करने का अवसर दिया। ऋतुराज गायकवाड़ को छोड़कर बाकी बल्लेबाजों ने अवसर गंवा दिया। गायकवाड़ ने 50 गेंद पर 184 की स्ट्राइक रेट से खेलते हुए 9 छक्के और 4 चौके लगाए। उन्होंने कुल मिलाकर 92 रन बनाए। गुजरात टाइटंस के खिलाफ खेली गई ऋतुराज की पारी शानदार थी लेकिन सुकून धोनी के 20वें ओवर वाले छक्के से मिला। जिस तरह माही ने जोशुआ लिटिल के 20वें ओवर की तीसरी गेंद को डीप बैकवर्ड स्क्वायर लेग बाउंड्री के बाहर छक्के के लिए भेजा, वह इस पावर हिटर की पावर बताने के लिए काफी था। अगली गेंद पैड्स पर और एक ही पल में फ्लिक शॉट के बूते स्क्वायर लेग बाउंड्री के बाहर 4 रन। नहीं पता था कि 20 ओवर में 178 रन बनाने के बाद चेन्नई यह मुकाबला जीतेगी या हार जाएगी, पर 315 दिनों बाद महेंद्र सिंह धोनी को मैदान पर इस तरह धमाकेदार बल्लेबाजी करते हुए देखकर तमाम क्रिकेट फैंस का दिल गदगद हो गया। टारगेट जरूर गुजरात की टीम ने 19.2 ओवरों में प्राप्त कर लिया, लेकिन रात बड़ी चैन की नींद आई। फिटनेस और फॉर्म को देख कर लग रहा है कि महेंद्र सिंह धोनी का यह अंतिम सीजन नहीं होगा। होना भी नहीं चाहिए । माही और सट्टेबाज कंपनीयां, ड्रीम इलेवन इत्यादि के बिना आईपीएल की कल्पना भी नहीं की जा सकती।