
गाजियाबाद के विजय नगर थाना क्षेत्र स्थित चरण सिंह कॉलोनी निवासी याकूब के बेटे साबेज को एक महीने पहले कुत्ते ने काट लिया था. घटनाक्रम से डरे बच्चे ने इस बारे में किसी को भी जानकारी नहीं दी. करीब पांच दिन पहले उसके शरीर में अजीब के बदलाव नजर आने लगे. उसके मुंह से लार टपक रही थी और वह पानी पीने से भी डर रहा था. चेहरा भी अजीब सा हो गया था. उसकी ऐसी हालत को देखते हुए परिजनों ने सख्ती से पूछा तो लड़के ने बताया कि उसे करीब महीने भर पहले कुत्ते ने काटा था. घर वाले अस्पताल की ओर भागे. तब तक उसकी तबीयत और ज्यादा बिगड़ चुकी थी. डॉक्टरों ने भर्ती करने से इंकार कर दिया. पिता का कहना है कि उनके कलेजे के टुकड़े को उचित इलाज नहीं मिला इसलिए बेटे की मौत हो गई.
परिजनों का आरोप
बच्चे का इलाज करने वाले डॉक्टरों ने बताया कि रेबीज के लक्षण थे. उसके अंदर बीमारी का इंफेक्शन काफी बढ़ा था. ऐसे में उसे बचाया नहीं जा सका. वहीं दूसरी ओर साबेज के परिजनों के मुताबिक, किसी भी डॉक्टर ने बच्चे का सही इलाज नहीं किया. यहां तक कि किसी भी अस्पताल ने लड़के को भर्ती तक नहीं किया. वो उसे गाजियाबाद जिला एमएम अस्पताल के अलावा मेरठ और दिल्ली के जीटीबी और एम्स अस्पताल तक लेकर गए, लेकिन कहीं भी साबेज का इलाज नहीं हुआ.
एंबुलेंस में पिता की गोद में दम तोड़ा
जानकारी के मुताबिक साबेज तड़प रहा था, उसके परिजनों का रो रोकर बुरा हाल था. वे किसी भी तरह साबेज की जान बचा लेना चाहते थे. कुछ समय एंबुलेंस आने के इंतजार में भी लगा, लेकिन उचित इलाज न मिलने के कारण साबेज ने एंबुलेंस के अंदर ही पिता की गोद में दम तोड़ दिया.
बच्चे की मौत का जिम्मेदार कौन?
बच्चे की मौत की ये कहानी मोहल्ले की गलियों से निकलकर सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो जिसने भी इस दुखद खबर को पढ़ा उसके रोंगटे खड़े हो गए. लोग अलग-अलग प्रतिक्रिया दे रहे हैं. बच्चा इस दुनिया में नहीं है. इस मौत का जिम्मेदार कौन है? तत्काल इस सवाल का जवाब देना आसान नहीं है, क्योंकि इस मामले में कई गलतियां हुई. एक बच्चे का उसके परिजनों की गोद में दम तोड़ देने से बुरा कुछ और नहीं हो सकता है.