आपने इतिहास में मुगलों के बारे में जरूर पढ़ा होगा और उसमें बादशाह अकबर के युद्धों के बारे में जाना होगा, लेकिन आज हम आपको अकबर के हरम की ऐसी कहानी बता रहे हैं. जिसे जानने के बाद आप भी भौचक हो जाएंगे. आपने ये बात तो सुनी होगी कि अकबर के हरम में लगभग 5 हजार औरतें थी, लेकिन इसके अलावा वो हरम में हिजड़ों को भी रखता था. आप भी सोचेंगे कि जब इतनी सारी रानियां थी तो हिजड़ों को हरम में क्यों रखा जाता था. दरअसल, इसके पीछे अकबर की सोची समझी रणनीति थी. आइए जानते हैं वह इन लोगों से क्या कराता था?
हिजड़ों का होता था ऐसे इस्तेमाल
हिजड़ों को मिलती थी सैलरी?
हरम के जो भी महिलाएंं-हिजड़े काम करते थे. उन्हें सैलरी दी जाती थी. आपको बता ऐं कि दरोगा को सबसे ज्यादा एक हजार रुपये महीने का वेतन भी दिया जाता था. वहीं जो नौकर होते थे, उन्हें दो रुपये महीने सैलरी दी जाती थी. इतालवी लेखक निकोलाओ बताते हैं कि जब हरम में कोई बीमार होता था तो हकीम को पूरी तरह से कवर कर के हरम में ले जाते थे.
हकीम कैसे करते थे इलाज
जॉन मार्शल जो अंग्रेज यात्री-लेखक थे. वे बताते हैं कि हकीम, मरीज के पूरे शरीर पर रूमाल रगड़ते थे. इसके बाद इस रूमाल को पानी के एक जार में रखते थे और फिर इसकी सुगंध से बीमारी का पता लगाया जाता था.