अब मुर्दा इंसानों से बनेनी खाद, इस देश ने शुरू की अनोखी परंपरा

अमेरिका का न्यूयार्क शहर ह्यूमन कंपोस्टिंग को अपनाने वाला 6वां राज्य बन चुका है. दुनिया ने जरूरत के हिसाब से अक्सर अपनी परंपराओं मे बदलाव किया है. इन दिनों एक ऐसा ही बड़ा बदलाव अमेरिका में देखने को मिल रहा है. यहां अंतिम संस्कार के जुड़ी परंपरा को लेकर एक बड़ा परिवर्तन लाने की तैयारी है. अमेरिका में अंतिम संस्कार को इको फ्रेंडली बनाने की पहल शुरू की जा चुकी है यानी मरने के बाद इंसानी शवों से ‘नेचुरल ऑरगेनिक रिडक्शन’ प्रक्रिया के तहत खाद बनाया जाएगा. इस प्रोसेस में करीब 30 दिन का वक्त लगेगा.

क्या है इको फ्रेंडली अंतिम संस्कार?

इको फ्रेंडली अंतिम संस्कार एक ऐसा प्रोसेस है जिसमें इंसानों की मृत शरीर को खाद बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. खाद बनने की इस प्रक्रिया को ह्यूमन कंपोस्टिंग के नाम से जाना जाता है. वाशिंटन साल 2019 में ह्यूमन कंपोस्टिंग को अपनाने वाला अमेरिका का पहला राज्य बन गया था. अमेरिका में अब तक 6 राज्य अंतिम संस्कार की इस प्रक्रिया अपना चुके हैं जिनमें वाशिंटन के अलावा कैलिफोर्निया, कोलोराडो, ओरेगन, वर्मोंट और न्यूयार्क शामिल हैं. अमेरिका में ह्यूमन कंपोस्टिंग तेजी से लोकप्रिय होती जा रही है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह पर्यावरण के लिए बेहद लाभदायक है. आपको जानकर हैरानी होगी कि तिब्बत और मंगोलिया की कुछ प्रजातियां काफी पहले से ईको फ्रेंडली अंतिम संस्कार को करते आ रही हैं.

न्यूयार्क के गर्वनर ने पास किया कानून

न्यूयार्क के गर्वनर कैथी होचुल के द्वारा ह्यूमन कम्पोस्टिंग कानून को पास किया गया है. आपको बता दें कि कैलीफोर्निया के निवासियों के पास साल 2027 तक ये विकल्प मौजूद होगा कि वो पारंपरिक तरीके से अपना अंतिम संस्कार चाहते हैं या फिर ईको फ्रेंडली तरीके से. इस प्रक्रिया को अंजाम देने वाली कंपनी ‘रीकम्पोज’ ने कहा कि मिट्टी परिवार को सौंपने से पहले यह चेक किया जाता है कि उसमें किसी तरह के खतरनाक पैथोजन्स न हों. आपको बता दें कि टीबी जैसी बीमारी से मरने वालों और रेडिएशन थेरेपी लेने वालों को इस प्रक्रिया से अलग रखा जाएगा.

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