कानपुर में मवेशियों से भरे एक ट्रक के चालक और सहायक को लूटने के आरोप में पांच हेड कांस्टेबल समेत 11 पुलिसकर्मियों को मंगलवार को निलंबित कर दिया गया।
अपर पुलिस उपायुक्त (दक्षिणी) योगेश कुमार ने बताया कि गत शनिवार को आरोपी पुलिसकर्मियों ने कथित तौर पर एक ट्रक का पीछा किया और चालक लक्ष्मण एवं उसके सहायक मोहम्मद उजैर को हर पुलिसकर्मी को 500-500 रुपये देने के लिए मजबूर किया।
उन्होंने बताया कि आरोप लगाया गया है कि ऋषि राजन, हरिओम और अतुल सचान सहित सभी आरोपी पुलिसकर्मियों ने लक्ष्मण उर्फ लकी और उजैर के साथ मारपीट की, उनकी आंखों पर डंडे से वार किया और 10,000 रुपये नकदी भी लूट ली।
अधिकारियों ने बताया कि जिन पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है, उनकी पहचान ऋषि राजन, अमीर हसन, प्रदीप कुमार, अजय कुमार यादव और आनंद कुमार (सभी हेड कांस्टेबल) और कांस्टेबल हरिओम, अतुल सचान, सोनू यादव, उमा शंकर दीक्षित, महिला कांस्टेबल रिंकी रानी और आराधना के रूप में हुई है।
एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि मवेशियों से भरा एक ट्रक सारसौल से रामादेवी-भुंती राजमार्ग होते हुए अलीगढ़ जा रहा था और वह बर्रा राजमार्ग पर पहुंचा ही था कि पुलिस दल ने उसे रोक लिया।
बयान के अनुसार, बाद में हनुमंत विहार थाने से जुड़ी कुछ और पुलिस गाड़ियां वहां पहुंचीं और पुलिसकर्मियों ने पुलिस कार्रवाई की धमकी देते हुए धन की मांग की। बयान में बताया गया कि जब चालक और उसके सहायक ने रिश्वत देने से इनकार कर दिया तो पुलिसकर्मियों ने उजैर एवं लक्ष्मण को वाहन से बाहर निकाला और उनकी पिटाई की।
पीड़ितों के खिलाफ पशु क्रूरता के आरोप में एक प्राथमिकी भी दर्ज की गई है। अधिकारियों ने बताया कि उजैर और लक्ष्मण ने अपना एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर साझा कर दिया जिसके बाद वरिष्ठ अधिकारियों ने दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ जांच शुरू की।