पिता के साथ मां का नाम लिखने पर ही बनेंगे ‘जरूरी’ कागज, महिलाओं में बढ़ेगा आत्मविश्वास

महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने महिला अधिकारों को बढ़ावा देने के लिए चौथी महिला नीति घोषित की है. इस नीति के तहत अब सभी अधिकृत दस्तावेजों में मां का नाम लिखना भी अनिवार्य किया गया है. फिलहाल सरकारी दस्तावेजों में बच्चों के नाम के आगे पिता का नाम लिखा जाता है. जबकि बच्चों के नाम के ठीक बाद माता का नाम लिखना ऐच्छिक था. हालांकि अब सरकार की नई नीति घोषित होने के बाद अब बच्चों को अपने नाम के आगे माता का नाम लिखना अनिवार्य हो जाएगा.

‘महिलाओं में बढ़ेगा आत्मविश्वास’

अंतराराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में महाराष्ट्र सरकार की ओर से यह नई महिला नीति की घोषणा की गई है. यह नई  नीति आठ सूत्रों के आधार पर तैयार की गई है. राज्य के डिप्टी सीएम अजित पवार ने इस नई महिला नीति की सराहना की है. अजित पवार ने कहा कि इस नीति से महिलाओं को सशक्त करने में ज्यादा मदद मिलेगी. इससे महिलाओं में आत्मसम्मान और भरोसा बढ़ेगा. साथ ही संपत्ति पर उनके अधिकार भी मजबूत होंगे.

‘महाराष्ट्र में बढ़ेंगे महिलाओं के अधिकार’

बताते चलें कि महाराष्ट्र की पहली महिला नीति वर्ष 1994 में घोषित की गई थी. इसके बाद वर्ष 2001 में दूसरी और साल 2014 में तीसरी महिला नीति लागू की गई थी. सरकार ने अब 10 साल बाद चौथी महिला नीति घोषित की है. इस नई नीति में महिलाओं के अधिकारों में बढ़ोतरी से जुड़े कई प्रावधान किए गए हैं.

डिप्टी सीएम अजित पवार ने बताया कि इस चौथी महिला नीति में सभी सरकारी, अर्धसरकारी और प्राइवेट कंपनियों में पितृत्व और मातृत्व अवकाश देने का प्रावधान किया गया है. साथ ही कामकाजी महिलाओं के लिए हर जिले में सखी निवास (छात्रावास भी शुरू किए जाएंगे. महानगर पालिकों और नगर पालिकाओं में महिला बचत समूहों के स्टॉल के लिए जगह देने पर विचार किया जाएगा.

‘थानों में बनेंगे वुमन हेल्प डेस्क’

उन्होंने बताया कि नई महिला नीति के तहत सभी स्कूलों में शत-प्रतिशत लड़कियों का दाखिला सुनिश्चित किया जाएगा. महिलाओं के खिलाफ हिंसा पर लगाम लगाने के लिए स्थानीय स्तर पर समितियों का गठन किया जाएगा. इसके साथ ही सभी पुलिस मुख्यालय में वुमन हेल्प डेस्क बनाए जाएंगे, जिसमें महिलाएं अपनी शिकायत दर्ज करवा सकेंगी.

सीएम शिंदे के नेतृत्व में कमेटी का गठन

डिप्टी सीएम ने बताया कि महाराष्ट्र की चौथी महिला नीति को प्रभावी तरीके से लागू करवाने के लिए राज्य स्तर पर सीएम एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया है. जबकि इसके अनुपालन की जिम्मेदारी राज्य की महिला- बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे के नेतृत्व में एक्शन ग्रुप का गठन किया गया है.

 

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