दिवाली का त्योहार आ रहा है और घरों में मिठाइयों की तैयारी जोरों पर है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस खुशी के मौके पर आपकी सेहत को मिलावटी दूध खराब कर सकता है? जी हां, हाल ही में उत्तर प्रदेश में बुलंदशहर के एक चिलिंग प्लांट में बड़े पैमाने पर मिलावटी दूध बनाने का खुलासा हुआ है. यह खबर बेहद चिंताजनक है क्योंकि मिलावटी दूध सेहत के लिए बहुत ही खतरनाक हो सकता है.
खाद्य विभाग के असिस्टेंट कमिश्नर विनीत कुमार ने बताया कि यह नकली दूध दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद जैसे क्षेत्रों में सप्लाई किया जा रहा था. टीम ने चार नमूने एकत्र किए और लगभग 700 लीटर सिंथेटिक दूध नष्ट किया. गौरतलब है कि कुछ महीने पहले सिकंदराबाद में 1400 लीटर नकली दूध बरामद किया गया था, जो सप्लाई के लिए जा रहा था. इसके अलावा, पिछले महीने सिकंदराबाद में एक किराना स्टोर से नकली देशी घी भी बरामद किया गया था.
मिलावटी दूध की पहचान कैसे करें?
मिलावटी दूध की पहचान करने के कुछ आसान तरीके हैं जिनसे आप घर पर ही दूध की शुद्धता जांच सकते हैं:
पानी की मिलावट: दूध की कुछ बूंदें कांच की सतह पर डालें. अगर दूध बहते समय पीछे सफेद धारियां छोड़ता है तो यह शुद्ध है. अगर बिना धारियों के बह जाता है तो इसमें पानी मिला हो सकता है.
सिंथेटिक दूध: सिंथेटिक दूध को सूंघने पर साबुन या डिटर्जेंट जैसी गंध आ सकती है. इसे उबालने पर पीला या हल्का नीला रंग भी आ सकता है.
स्टार्च की मिलावट: दूध में 2-3 बूंदें आयोडीन की डालें. अगर दूध का रंग नीला हो जाता है, तो इसमें स्टार्च मिला हुआ है.
डिटर्जेंट की मिलावट: दूध को झाग बनने तक हिलाएं. अगर अधिक झाग बनता है और देर तक रहता है, तो दूध में डिटर्जेंट हो सकता है.
चमकदार सफेदी: अगर दूध असामान्य रूप से सफेद और गाढ़ा दिखे, तो इसमें सिंथेटिक पदार्थ मिलाए गए हो सकते हैं.