मध्यप्रदेश पुलिस ने छिंदवाड़ा में ‘‘जहरीले’’ ‘कफ सिरप’ के सेवन से कथित तौर पर गुर्दा खराब होने के कारण 14 बच्चों की मौत की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि बच्चों की मौत के संबंध में कथित लापरवाही के लिए चिकित्सक प्रवीण सोनी को गिरफ्तार किया गया है, जबकि ‘कोल्ड्रिफ’ बनाने वाली कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
छिंदवाड़ा के अतिरिक्त जिलाधिकारी धीरेंद्र सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री मोहन यादव द्वारा घोषित चार-चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि पीड़ित परिवारों के बैंक खातों में अंतरित कर दी गई है।
उन्होंने बताया कि नागपुर में आठ बच्चों का उपचार किया जा रहा है, जिनमें से चार का इलाज एक सरकारी अस्पताल में, एक का एम्स में और तीन का निजी अस्पतालों में किया जा रहा है। इस बीच, मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में कथित तौर पर ‘कोल्ड्रिफ’ पीने के बाद दो बच्चों कीमौत हो गई।
डॉ. प्रवीण सोनी की गिरफ्तारी से आक्रोशित उनके सहयोगियों ने सोमवार से हड़ताल करने की धमकी दी है। सोनी सरकारी चिकित्सक होने के बावजूद एक निजी क्लिनिक में अभ्यास कर रहे थे और लगभग एक महीने तक बच्चों पर इसके प्रतिकूल प्रभाव के बाद भी सिरप पीने का परामर्श दे रहे थे।
विपक्षी कांग्रेस ने भी इस मामले से निपटने में भाजपा सरकार की विफलता को उजागर करने और बच्चों के परिवारों के लिए अधिक वित्तीय राहत की मांग करने के लिए सोमवार से विरोध प्रदर्शन शुरू करने का ऐलान किया है। मध्यप्रदेश सरकार ने कांचीपुरम (तमिलनाडु) के ‘श्रीसन फार्मास्युटिकल’ द्वारा निर्मित ‘कोल्ड्रिफ’की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है।
अधिकारियों का कहना है कि दवा के नमूनों में अत्यधिक जहरीला पदार्थ पाया गया है। जान गंवाने वाले बच्चों में से 11 परासिया उपमंडल से, दो छिंदवाड़ा शहर से और एक चौरई तहसील से थे। अतिरिक्त जिलाधिकारी सिंह ने बताया कि परासिया के अनुविभागीय पुलिस अधिकारी जितेंद्र सिंह जाट के नेतृत्व में 12 सदस्यीय एसआईटी का गठन किया गया है और यह टीम तमिलनाडु में फार्मा कंपनी का दौरा करेगी।
सिंह ने कहा, ‘‘अब तक 1,102 बच्चों के नमूने एकत्र किए गए हैं। कुल 5,657 टेस्ट किए गए हैं, जिनमें से 4,868 के परिणाम प्राप्त हो चुके हैं।’’ मुख्यमंत्री यादव ने शनिवार को कहा था कि जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके एक दिन बाद ही सरकार ने रविवार को डॉ. सोनी को सेवा से निलंबित कर दिया।
‘इंडियन मेडिकल एसोसिएशन’ की छिंदवाड़ा इकाई की अध्यक्ष कल्पना शुक्ला ने कहा कि अगर डॉ. सोनी को रिहा नहीं किया गया तो सभी डॉक्टर सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर देंगे। कांग्रेस ने एक बयान में कहा कि उसके कार्यकर्ता सरकार की ‘‘उदासीनता’’, बच्चों की बढ़ती मौतों पर कार्रवाई में कथित देरी और पीड़ित परिवारों को ‘‘अपर्याप्त’’ मुआवजे के विरोध में छह अक्टूबर को जिला मुख्यालय के फवारा चौक पर धरना देंगे।
डॉ. सोनी और कंपनी पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या) और 276 (दवा में मिलावट करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस अधीक्षक अजय पांडे के अनुसार, सोनी के खिलाफ ओषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम की प्रासंगिक धाराओं के तहत भी मामला दर्ज किया गया है। मौतों के बाद मध्यप्रदेश सरकार ने एक अक्तूबर को तमिलनाडु सरकार को पत्र लिखकर दवा निर्माता के खिलाफ जांच करने के लिए कहा था।
इसके बाद तमिलनाडु के ओषधि नियंत्रक विभाग ने जांच में ‘श्रीसन फार्मास्युटिकल्स’ में बन रही कोल्ड्रिफ के ‘‘मिलावटी’’ होने की पुष्टि की थी। रिपोर्ट के मुताबिक, सिरप में 48.6 प्रतिशत डायथिलीन ग्लाइकॉल पाया गया, जो जहरीला रसायन है और सेहत के लिए घातक साबित हो सकता है। मध्यप्रदेश से सटे राजस्थान में भी कथित तौर पर सरकारी अस्पताल से मिले कफ सिरप पीने के बाद दो बच्चों की मौत की खबर आई है।